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Tag: सुधाकर मिश्र “सरस”

विश्वास
लघुकथा

विश्वास

सुधाकर मिश्र "सरस" किशनगंज महू जिला इंदौर (म.प्र.) ******************** रूपल का कॉलेज में ग्रेजुएशन का अंतिम साल था। परीक्षा शुरू होने के पहले सभी सहेलियों ने अंतिम पार्टी रखी थी। ग्रेजुएशन के बाद क्या करना है, फिर कब और कहां मुलाकात होगी, यही वार्तालाप चल रही थी। सीमा बीच में बोल पड़ी...अरे रूपल जी ...रंजन जीजू आई मीन रंजन बाबू का क्या होगा.. हमें भी तो बताओ। रंजन कॉलेज का सबसे होनहार व अनुशासित लड़का था। वह रूपल की सादगी व सुन्दरता पर मरता था। जब पहली बार रूपल कॉलेज ज्वॉइन किया था तो रूपल के पिता महेश बाबू ने रूपल से बस इतना ही कहा था की, बेटा तुम्हारे साथ मेरी लाज भी कॉलेज जा रही है। मेरी लाज अब तुम्हारे हाथों में हैं, यह हमेशा महसूस करना। मुझे पूरा विश्वास है मेरी बेटी मेरा शीश नहीं झुकने देगी। रूपल ने रंजन के बारे में केवल अपनी मां को बताया था। महेश बाबू घर के आंगन में चा...
तेरे पहलू में मुझे आने की तेरी इजाज़त न सही …
ग़ज़ल

तेरे पहलू में मुझे आने की तेरी इजाज़त न सही …

सुधाकर मिश्र "सरस" किशनगंज महू जिला इंदौर (म.प्र.) ******************** तेरे पहलू में मुझे आने की तेरी इजाज़त न सही। अपने दिल से कर दो रुखसत ये हो नहीं सकता।। लाख फेरो यूँ नज़र मुझको जलाने की खातिर। पलट - पलट के न देख तू ये हो नहीं सकता।। मैं वाकिफ हूं तेरी हर एक उन कमजोरियों से। तुम उनसे तोड़ चुकी हो रिश्ता ये हो नहीं सकता।। मुझको मालूम है तेरे दिल को बिछड़ने का है डर। जिस्म से जान हो जाए अलग ये हो नहीं सकता।। हम तुम एक हैं जनम से, है ज़माने को खबर। तेरी इजाज़त न हो ज़माने को ये हो नहीं सकता।। परिचय :-  सुधाकर मिश्र "सरस" निवासी : किशनगंज महू जिला इंदौर (म.प्र.) शिक्षा : स्नातक व्यवसाय : नौकरी पीथमपुर जन्मतिथि : ०२.१०.१९६९ मूल निवासी : रीवा (म.प्र.) रुचि : साहित्य पठन व सृजन, संगीत श्रवण उपलब्धि : आकाशवाणी रीवा से कहानियां प्रसारित, दैनिक जागरण री...
हिंद रक्षक
कविता

हिंद रक्षक

सुधाकर मिश्र "सरस" किशनगंज महू जिला इंदौर (म.प्र.) ******************** खून खौला था कभी हम भारतीय सिंहों का जब काल बनकर किया तांडव विदेशी कायरों पे तब फिर से गरम खून वाली वो जवानी चाहिए भर दे ज्वाला इन रगों में वो रवानी चाहिए हम क्यों बने रहते हैं अंधे भोंके जब दुश्मन कटार अनसुनी करते हैं क्यों अपनों की सुनकर चीत्कार हो गया अब बहुत आग हर सीने में जलनी चाहिए फिर से गरम खून वाली वो जवानी चाहिए भर दे ज्वाला इन रगों में वो रवानी चाहिए भूलकर इतिहास से हम सीख कुछ लेते नहीं मूढ़ बनकर चुप हैं रहते अब भी कुछ चेते नहीं प्रताप भगत सुभाष की घर-घर कहानी चाहिए फिर से गरम खून वाली वो जवानी चाहिए भर दे ज्वाला इन रगों में वो रवानी चाहिए कुचक्र चालें चल रहें फिर देश के दुश्मन सभी भूलकर भी हम ना भूलें दुश्मनों के छल कभी भाँप लें छलियों को वो आंखें सयानी चाहिए फिर ...
विदाई
कविता

विदाई

सुधाकर मिश्र "सरस" किशनगंज महू जिला इंदौर (म.प्र.) ******************** वो बचपन की धुंधलकी याद अब प्यारी सी लगती है समझता था जिसे जन्नत वो गोद न्यारी सी लगती है समझता था बड़ा अपने को उसकी गोद में चढ़कर नहीं दूजा कोई था सुख उसकी गोद से बढ़कर वो पल छिन याद जब आते वो दुनिया भली लगती है सुनहरे दिन वो छुटपन के मासूम सी कली लगती है वो दिन आया बिछड़ने का वो मेरी प्यारी बहना थी सजाने चली दूजा घर जो मेरे घर की गहना थी विदाई कैसे देखूंगा बहन की सोचा मैं रुककर तत्क्षण अश्रु बह निकले मेरे पोंछा उन्हें छुपकर करुण क्रंदन बहन का सुनता मैं यह तो असंभव था कान को बंद कर छुपना ही मेरे लिए संभव था हुआ आश्वस्त अपने से धीरे से कान को खोला नज़र दौड़ाई उस रस्ते में जहां से गुज़रा बहन का डोला बहनें क्यों छोड़ कर जाती यह रीति अटपटी लगती है बिछड़कर बहन से भाई की दुनिया लुटी-लुटी लगती है परिचय :-  सुधाकर मिश्...
चाहत
कविता

चाहत

सुधाकर मिश्र "सरस" किशनगंज महू जिला इंदौर (म.प्र.) ******************** कहानी गूंजे घर-घर में, कर गुज़र ऐसा कुछ तू भी बदल दे ज़ायका सुनने का, शोरगुल के ज़माने में दुनिया में है दम घुटता, ये कैसा छाया अब मंज़र खरे उतरें ना क्यों हम सब, इंसानियत के पैमाने में ओढ़कर चोला रहबर का, लगे रहबरी ज़ताने में पाप का घड़ा है जब भरता, भटकते हैं ज़माने में सब कुछ पाने की चाहत में, तनहा हो गई ज़िन्दगी परेशां होते हैं जब हम, जवाब ढूंढते हैं मयखाने में लूटने मज़ा जिंदगी का, गिर जाते हैं हद से भी बात जब आती अपने पर, कहते भूल हुई अंजाने में परिचय :-  सुधाकर मिश्र "सरस" निवासी : किशनगंज महू जिला इंदौर (म.प्र.) शिक्षा : स्नातक व्यवसाय : नौकरी पीथमपुर जन्मतिथि : ०२.१०.१९६९ मूल निवासी : रीवा (म.प्र.) रुचि : साहित्य पठन व सृजन, संगीत श्रवण उपलब्धि : आकाशवाणी रीवा से कहानियां प्रसारित, दैनिक जागरण रीवा से ...