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Tag: श्वेता सक्सेना

मुझे बनारस कर दो
कविता

मुझे बनारस कर दो

श्वेता सक्सेना मालवीय नगर (जयपुर) ******************** हे भगीरथी, उतर आओ मन की मरूधरा पर कल्याण कर दो जन्मों की तृष्णा का उद्धार कर दो हे देवांशी, बहा दो संग स्मृतियों की भस्म सब पावन कर दो हे मोक्षदायिनी, मेरी मुक्ति का साधन कर दो हे गंगे, मैं अधीर हूँ तुम्हें छूने को,, मुझे बनारस कर दो परिचय :- श्वेता सक्सेना निवासी : मालवीय नगर जयपुर घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है। आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित...
सहर होने दो
कविता

सहर होने दो

श्वेता सक्सेना मालवीय नगर जयपुर (राजस्थान) ******************** मौन को मुखर होने दो, शब्द को शिखर होने दो। त्रास दे रही जो अंतर को, वेदना को प्रखर होने दो। बहने दो पीड़ा बूँद-बूँद होकर, मत रोको, अश्रुओं का समर होने दो। उलझी बहुत है जीवन डोरी, उलझनों को सरल होने दो। क्यों उठा रखा है मनों बोझ मन पर ? दुःख की बदली को विरल होने दो। बीत जाएगी निशा, टूटेगा तिमिर भी, नव स्वप्नों की सहर होने दो। . परिचय :- श्वेता सक्सेना निवासी :- मालवीय नगर जयपुर राजस्थान आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचि...