Monday, December 23राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

Tag: शंकर गोयल

गुरु वंदना
कविता

गुरु वंदना

शंकर गोयल (छत्तीसगढ़) ******************** गुरुदेव तुम्हारे चरणों में, अभिनंदन है अभिनंदन है।। राग द्वेष के भाव मिटाएं, प्रेम भाव सद्भाव बढ़ाएं। अंतर्मन की गहराई से, करते तुमको वंदन हैं। गुरुदेव तुम्हारे चरणों में, अभिनंदन है अभिनंदन है।। मुश्किलों में राह दिखाएं, संघर्ष पथ को सहज बनायें। दुर्व्यसन की लत छुड़वाए, भक्तों के दुख कष्ट मिटाए। चरण धूलि गुरुदेव आपकी, मेरे लिए तो चंदन हैं। गुरुदेव तुम्हारे चरणों में, अभिनंदन है अभिनंदन है।। मन की बातें किसे सुनाएं, नैया कैसे पार लगाएं। मंजिल तक कैसे पहुंचे हम, गुरुवर हमको राह बताए। अब तो मन में आपके लिए, भक्ति भाव का बंधन है। गुरुदेव तुम्हारे चरणों में, अभिनंदन है अभिनंदन है।। . लेखक परिचय :-  शंकर गोयल, छत्तीसगढ़ आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, हिंदी र...