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Tag: वीणा वैष्णव “रागिनी”

आईना ऐसा बना दे
कविता

आईना ऐसा बना दे

वीणा वैष्णव "रागिनी"  कांकरोली ******************** हे प्रभु,एक आइना, अब तू कुछ ऐसा बना दे। उसमें सूरत नहीं, सिर्फ उनकी सीरत दिखा दे। लोगों को पहचानना, थोड़ा आसान बना दे। या पहचानू उनको, ऐसा हुनर मुझे सीखा दे। मुंह राम बगल में छुरी, लिए घूम रहे हैं सब। कैसे करूं परख, पारखी नजर मुझको दे दे। बहुत मुश्किल है, किसी पर विश्वास करना। उनको बेनकाब कर, हकीकत अब दिखा दे। ना कोई राग द्वेष हो, तू सिर्फ इंसान बना दे। हैवानियत का पर्दा हटा, प्रेम रहना सिखा दे। भूला हुआ चेहरा, उन्हें आईने में तू दिखा दे। हो जाए कभी गुनाह, तो नेक राह तू ला दे। आईना देख, अपने चेहरे नकाब खुद हटा दे। ज्यादा नहीं, बस थोड़ा मन विश्वास जगा दे। कहती वीणा, हे प्रभु अब कोई राह दिखा दे। अपनी बनाई दुनिया फिर से, जन्नत बना दे। . परिचय : कांकरोली निवासी वीणा वैष्णव "रागिनी" वर्तमान में राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय फरारा मे...
जीवन साकार करो
कविता

जीवन साकार करो

मनु जन्म मिला क्यों, आज थोड़ा तुम विचार करो। जागो गहरी नींद से, मीठे सपनों में ना खराब करो। कीचड़ में कमल खिलता, वैसे ही तुम खिला करो। दूर भगाकर दुष्कर्म को, तुम मानवता से प्यार करो। काम कर निष्काम, तुम कर्म पथ आगे बढ़ा करो। मान अपना कर्तव्य, हर काम को बस किया करो। बीत रहा है समय यह, खुद भी थोड़ा विस्तार करो। धन दौलत चकाचौंध में, तुम इतना ना बहका करो। भूल भुलैया है यह जीवन, गलती ना बारंबार करो। चार दिनों की चांदनी में, जीवन ना तुम बेकार करो। सत्कर्मो की नाव बना, जीवन नैया तुम पार करो। मन आए विकारों को, गुणी जनों संग बैठ दूर करो। मनु जीवन सौभाग्य मिला, थोड़ा तुम विचार करो। तेरी मेरी कर, अनमोल जीवन अपना ना व्यर्थ करो। कहती वीणा, प्रभु श्रेष्ठ रचना जीवन सार्थक करो। बहुत कम बची सांसे, सोच समझ कर खर्च करो। . परिचय : कांकरोली निवासी वीणा वैष्णव "रागिनी" वर्तमान में राजकीय उच्च माध्यमिक ...
घर एक मंदिर
कविता

घर एक मंदिर

वीणा वैष्णव "रागिनी"  कांकरोली ******************** घर एक मंदिर है, इसे मंदिर ही बना रहने देना। घर मंदिर होता, एक उदाहरण तू भी बन जाना। मात-पिता प्रभु मान, सिस तू चरण झुका देना। खून से सींचा उसे, बस तू थोड़ा प्यार भर देना। कैदखाना नहीं यह पागल, यह है स्वर्ग समान। अनजाने में ही कुछ नादान, कर रहे हैं अपमान। शून्य जैसा सबका जीवन,ना कीमत शून्य की। संग सदा अपनो रह, अनमोल स्वत: बन जाना। संबंधों की गहराई को, सदा ही महसूस करना। ईश्वर की श्रेष्ठ रचना, थोड़ा विवेक काम करना। चिंता चिता एक समान, यह सदा याद रखना। खुद की खुशी खातिर, मां बाप को ना दर्द देना। प्यार से पाला तुझे ,चिंता और कोई न जताना। दिखावा सब करेंगे, हकीकत तो वहां ही पाना। करती वीणा एक विनती, जीवन ना नर्क बनाना। बहुत सहा उन्होंने, अंत समय कुछ सुख देना। . परिचय : कांकरोली निवासी वीणा वैष्णव "रागिनी" वर्तमान में राजकीय उच्च माध्...
जिजीविषा
ग़ज़ल

जिजीविषा

वीणा वैष्णव "रागिनी"  कांकरोली ******************** रोज डर डर के, जिंदगी हर पल ऐसे जी रही थी मैं। तेज आंधी जब चली, तिनके को निहार रही थी मैं। कभी इधर उड़ा कभी उधर, ऐसे उड गिर रहा था वो, हर बार, एक नाकाम कोशिश किए जा रहा था वो, एक झोंका ऐसा आया, उसे उड़ता देख रही थी मैं। मिलती है सफलता, यहीं बैठे सब सोच रही थी मैं बरसों पड़ा था, गलती से आंगन के किसी कोने में, आज आसमान में, सपने सच होते देख रही थी मैं। सब्र फल मीठा, ये आज हकीकत होते देखा मैंने, वरना खो देता अस्तित्व, यही सोच डर रही थी मैं। मंजिल मिली होगी, या कहीं भटक गया होगा वो, यही प्रश्न दिमाग रख, अब परेशान हो रही थी मैं। जिजीविषा रख वो उड़ा, यह भी तो कम नहीं था। गिरेगा उठेगा मिलेगी मंजिल, खुश हो रही थी मैं। कहती वीणा धरा वो मरा, जो कुछ भी ना किया। हिम्मत मिली, आखिरी पड़ाव ऐसे लड़ रही थी मैं। . परिचय : कांकरोली निवासी वीणा वैष...
बस हकीकत बयां किया
कविता

बस हकीकत बयां किया

वीणा वैष्णव "रागिनी"  कांकरोली ******************** दुनिया हकीकत उजागर, कलम सदा मैंने किया। अल्फाज बहुत चूभे सबको, पर ठहराव ना दिया। बेजुबान जुबा बन कर सदा, सब बयां मैने किया। द्वेष का सैलाब उमड़ा, उसे प्रेम से समझा दिया। ख्वाब ना टूटे किसी के, ना गलत कुछ भी किया। गलत जहां मुझे लगा, बस साफ-साफ कह दिया। नकाबपोश चेहरा, बेनकाब सदा ही मैंने किया। खामोश रही सदा, बस कलम कहर ही ढा दिया। सच्चाई पाठ ऐसे, सब को सदा मैने पढ़ा दिया। सद्भावना लाती कलम, इतिहास यूं दोहरा दिया। कभी वक्त गलत मान, खुद खामोश मैने किया। बड़ों के सम्मान में सदा, सर अपना झुका दिया। अपनी मन वेदना को, कलम अंजाम मैंने दिया। ना किया आहत किसी को, अपना काम किया। कहती वीणा, लेखनी फर्क मैने कभी ना किया। सच झूठ का फर्क, बस हौंसला दम मैंने किया। . परिचय : कांकरोली निवासी वीणा वैष्णव वर्तमान में राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय फर...