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Tag: विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’

भयंकर बाढ़
लघुकथा

भयंकर बाढ़

विनोद वर्मा 'दुर्गेश' तोशाम (हरियाणा) ******************** रात भर लगातार मूसलाधार बारिश हो रही थी। गाँव और शहर भयंकर बाढ़ की चपेट में आ चुके थे। चारों ओर पानी ही पानी का साम्राज्य स्थापित हो चुका था। गाँव के गाँव बाढ़ की भेंट चढ़ चुके थे। असंख्य मवेशी और पंछी भी बाढ़ के पानी में बह गए थे। रघु काका गाँव से दूर उजड़ी बस्ती में एक ऊँचे टीले पर बनी अपनी झोपड़ी में अकेले ही थे। बाढ़ का पानी वहाँ तक नहीं पहुँच पाया था। परंतु बारिश के कारण उसकी झोपड़ी से पानी टपक-टपक कर गिर रहा था। रघु काका चिंतित मुद्रा में कभी चारपाई को इस ओर करते तो कभी उस ओर। ऊपर से मच्छरों की भिनभिनाहट ने जीना मुहाल कर दिया था। एक तो पानी टपकने से झोपड़ी में तालाब का साम्राज्य स्थापित हो चुका था वहीं दूसरी ओर रात भर सो न पाने के कारण रघु काका की आंखें लाल हो गया थी। चूल्हे में पानी भर जाने के कारण रोटी बनाने के लाले भी पड़ गए...
बारिश की बूंदें
कविता

बारिश की बूंदें

विनोद वर्मा 'दुर्गेश' तोशाम (हरियाणा) ******************** बारिश की बूंदें बरसी मन मेरा हर्षाए। सावन का मस्त महीना प्रियतम की याद दिलाए। तन भीगा और मन भीगा आँचल भी भीगा जाए। पहले सावन की बारिश जियरा मेरा चुराए। टप-टप गिरती बूंदे और पंछी शोर मचाएं। साजन बिन सूना सावन विरह आग लगाए। बूंदों की बौछार में मन शीतल हो जाए। गर साथ तेरा हो साजन सावन पावन हो जाए। परिचय :-विनोद वर्मा 'दुर्गेश' निवासी : तोशाम, जिला भिवानी, हरियाणा आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमेंhindirakshak17@gmail.comपर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें … और अपनी क...