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Tag: लाल चन्द जैदिया “जैदि”

मैं मुर्दो की आवाज़ था
ग़ज़ल

मैं मुर्दो की आवाज़ था

लाल चन्द जैदिया "जैदि" बीकानेर (राजस्थान) ******************** दुःख है मुझे कि मैं मुर्दो की आवाज़ था ज़मीर न था उन्ही का मै रखता राज़ था। करते रहे सितमगर, मेरे कंधे की सवारी, मुझे लगा, मैं गगन का शिकारी बाज़ था। मकसद मे होते रहे, अकसर वो कामयाब भ्रम मे जीया जैसे मैं ही उनका आज़ था। जब हुआ जुदा कोई आंख, मायूस न थी मुस्कुरा रहे थे लोग जिन पे मुझे नाज़ था। बढ़ता रहा बेखौफ, अंगारो की जानिब मैं मेरा हर जो कदम, जैसे नया आगाज़ था। अपनी धून मे जीता गया मैं शायर "जैदि" ख़्यालो मे मेरे, कभी न तख्त-ओ-ताज़ था। परिचय -  लाल चन्द जैदिया "जैदि" उपनाम : "जैदि" मूल निवासी : बीकानेर (राजस्थान) जन्म तिथि : २०-११-१९६९ जन्म स्थान : नागौर (राजस्थान) शिक्षा : एम.ए. (राजनीतिक विज्ञान) कार्य : राजकीय सेवा, पद : वरिष्ठ तकनीक सहायक, सरदार पटेल मेडिकल कोलेज, बीकानेर। रुचि : लेखन, आकाशवाणी व...
दर्दे-ऐ-दिल
ग़ज़ल

दर्दे-ऐ-दिल

लाल चन्द जैदिया "जैदि" बीकानेर (राजस्थान) ******************** दर्दे-ऐ-दिल, किस को सुनाऊँ मैं गुजर रहे है दिन, कैसे बताऊँ मैं, तन्हाइयों से तंग आ गया जनाब, हर बात, अब कैसे समझाऊँ मैं। मजे लोग लेगे ये सोच चुप रहता, खुद का दिल खुद से बहलाऊँ मैं। दुनिया मे मुझे गम, सभी ने दिऐ है इल्जाम अब ये किस पे लगाऊँ मैं। कुरेद रहे है जख़्म जो बारबार मेरे बेरहम जख्मो को कैसे दिखाऊँ मैं। खुश है देख मुसीबत मे रक़ीब मेरे उनसे बताऐं कैसे प्यार निभाऊँ मैं। शब्दार्थ :- रक़ीब :- प्रतिद्वंद्वी परिचय -  लाल चन्द जैदिया "जैदि" उपनाम : "जैदि" मूल निवासी : बीकानेर (राजस्थान) जन्म तिथि : २०-११-१९६९ जन्म स्थान : नागौर (राजस्थान) शिक्षा : एम.ए. (राजनीतिक विज्ञान) कार्य : राजकीय सेवा, पद : वरिष्ठ तकनीक सहायक, सरदार पटेल मेडिकल कोलेज, बीकानेर। रुचि : लेखन, आकाशवाणी वार्ताकार, सम्मान :...
तबाही का मंजर
ग़ज़ल

तबाही का मंजर

लाल चन्द जैदिया "जैदि" बीकानेर (राजस्थान) ******************** तबाही का सारा मंजर, देख रहे हो ना, तुम बिखरते हुऐ ये घर, देख रहे हो ना। कितने अरमां देखे होंगें यहां की जहाँ ने बारुद का ऐसा होता डर, देख रहे हो ना। जिन्हें शौख नही है, चैन-ओ-अमन का, उन्हे कहो युद्ध का असर, देख रहे हो ना। कैसे जिंदगी की भीख मांग रहे है लोग, क्या हो रहा है ये खबर, देख रहे हो ना। यही होता है गुमां बढ़ती हुई ताकत का, गुमां मे दहर रही है मर, देख रहे हो ना। इंसानियत बची है कहीं तो कहो "जैदि" मत करो जंग गिरे ये सर, देख रहे हो ना। शब्दार्थ :- दहर :- दुनिया परिचय -  लाल चन्द जैदिया "जैदि" उपनाम : "जैदि" मूल निवासी : बीकानेर (राजस्थान) जन्म तिथि : २०-११-१९६९ जन्म स्थान : नागौर (राजस्थान) शिक्षा : एम.ए. (राजनीतिक विज्ञान) कार्य : राजकीय सेवा, पद : वरिष्ठ तकनीक सहायक, सरदार पटेल मेडिकल...
आदमी को आदमी की अब जरुरत नही है
ग़ज़ल

आदमी को आदमी की अब जरुरत नही है

लाल चन्द जैदिया "जैदि" बीकानेर (राजस्थान) ******************** आदमी को आदमी की, अब जरुरत नही है, मिलने की जरा सी किसी को फुरसत नही है। कितनी सीमित सी हो गई है, दुनिया हमारी, सोचे हम जितना उतनी तो खूबसूरत नही है। काम से काम,दिखावा, बस यही सब शेष है, बेजान रिश्तो मे चाह की अब हसरत नही है। पास से गुजर के भी लोग नज़र नही मिलाते, मौकापरस्त लोगो की अच्छी शरारत नही है। बदलना तो हमको ही होगा मुहब्बत के लिऐ, बदलना चाहे अगर तो बड़ी ये कसरत नही है। कोई लाख हम से अदावत रखे "जैदि" मगर, हम चोट पंहुचाऐ ऐसी हमारी फितरत नही है। शब्दार्थ :- हसरत :- इच्छा मौकापरस्त :- मतलबी शरारत :- धृष्टता, पाजीपन अदावत :- दुश्मनी फितरत :- स्वभाव परिचय -  लाल चन्द जैदिया "जैदि" उपनाम : "जैदि" मूल निवासी : बीकानेर (राजस्थान) जन्म तिथि : २०-११-१९६९ जन्म स्थान : नागौर (राजस्थान) शिक्षा : ए...
मुझको आदत नही ठगने की जमाने को
ग़ज़ल

मुझको आदत नही ठगने की जमाने को

लाल चन्द जैदिया "जैदि" बीकानेर (राजस्थान) ******************** मुझको आदत नही ठगने की जमाने को, हर रोज निकलता कमर कस कमाने को। साफगोई ने दुश्मन बना लिऐ, चारो ओर, जुबां जब बोले बचता न कुछ छुपाने को। तुम भी कभी कर के देखो मेरी तरहा से, तुमको भी मजा आऐगा सच दिखाने को। माना कि मुश्किल है मगर पिछे न हठना, बढ़ाऐं कदम जब कहे कोई आजमाने को। करते रहे यूं ही गर हम हर बार नादानियां, रहेगा न इक पल पास हमारे पछताने को। दौर-ऐ-गर्दिश आते जरुर सभी के "जैदि" थोड़ा कहीं ज्यादा,छोड़ो न इस पैमाने को। अर्थ :- साफगोई :- स्पष्ट वादिता दौर-ऐ-गर्दिश :- बुरा समय परिचय -  लाल चन्द जैदिया "जैदि" उपनाम : "जैदि" मूल निवासी : बीकानेर (राजस्थान) जन्म तिथि : २०-११-१९६९ जन्म स्थान : नागौर (राजस्थान) शिक्षा : एम.ए. (राजनीतिक विज्ञान) कार्य : राजकीय सेवा, पद : वरिष्ठ तकनीक सहायक, सरदार पटेल...
दौर-ऐ-गर्दिश आते जरुर है
ग़ज़ल

दौर-ऐ-गर्दिश आते जरुर है

लाल चन्द जैदिया "जैदि" बीकानेर (राजस्थान) ******************** मुझको आदत नही ठगने की जमाने को, हर रोज निकलता कमर कस कमाने को। साफगोई ने दुश्मन बना लिऐ, चारो ओर, जुबां जब बोले बचता न कुछ छुपाने को। तुम भी कभी कर के देखो मेरी तरहा से, तुमको भी मजा आऐगा सच दिखाने को। माना कि मुश्किल है मगर पिछे न हठना, बढ़ाऐं कदम जब कहे कोई आजमाने को। करते रहे यूं ही गर हम हर बार नादानियां, रहेगा न इक पल पास हमारे पछताने को। दौर-ऐ-गर्दिश आते जरुर सभी के "जैदि" थोड़ा कहीं ज्यादा, छोड़ो न इस पैमाने को। अर्थ :- साफगोई :- स्पष्ट वादिता दौर-ऐ-गर्दिश :- बुरा समय परिचय -  लाल चन्द जैदिया "जैदि" उपनाम : "जैदि" मूल निवासी : बीकानेर (राजस्थान) जन्म तिथि : २०-११-१९६९ जन्म स्थान : नागौर (राजस्थान) शिक्षा : एम.ए. (राजनीतिक विज्ञान) कार्य : राजकीय सेवा, पद : वरिष्ठ तकनीक सहायक, सरदार पटे...