Thursday, November 7राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

Tag: लक्ष्मीकांत मुकुल

कोहरे से झांकता हुआ
ग़ज़ल

कोहरे से झांकता हुआ

लक्ष्मीकांत मुकुल रोहतास (बिहार) ******************** कोहरे से झांकता हुआ आया मांगी थी रोशनी ये क्या आया सूर्य रथ पर सवार था कोई उसके आते ही जलजला आया घोंसले पंछियों के फिर उजड़े फिर कहीं से बहेलिया आया दूर अब भी बहार आँखों से दरमियाँ बस ये फ़ासला आया काकी की रेत में भूली बटुली मेघ गरजा तो जल बहा आया जो गया था उधर उम्मीदों से उसका चेहरा बुझा बुझा आया बागों में शोख तितलियां भी थीं पर नहीं फूल का पता आया . लेखक परिचय :- लक्ष्मीकांत मुकुल जन्म – ०८ जनवरी १९७३ निवासी – रोहतास (बिहार) शिक्षा – विधि स्नातक संप्रति - स्वतंत्र लेखन / सामाजिक कार्य। किसान कवि/मौन प्रतिरोध का कवि। कवितायें एवं आलेख विभिन्न पत्र – पत्रिकाओं में प्रकाशित, पुष्पांजलि प्रकाशन, दिल्ली से कविता संकलन “लाल चोंच वाले पंछी’’ प्रकाशित आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फ...
आओ चलें पारियों के गांव में
कविता

आओ चलें पारियों के गांव में

********** लक्ष्मीकांत मुकुल रोहतास (बिहार) आओ चलें पारियों के गांव में नदिया पर पेड़ों की छाँव में सूखी ही पनघट की आस है मन में दहकता पलास है बेड़ी भी कांपती औ’ ज़िन्दगी सिमटी लग रही आज पांव में अनबोले जंगल बबूल के अरहर के खेतों में भूल के खोजें हम चित्रा की पुरवाई बरखा को ढूँढते अलाव में बगिया में कोयल का कूकना आँगन में रचती है अल्पना झुटपुटे में डूबता सीवान वो रिश्ते अब जलते अब आंव में डोल रही बांसों की पत्तियां आँखों में उड़ती हैं तीलियाँ लोग बाग़ गूंगे हो गए आज टूटते रहे हैं बिखराव में लेखक परिचय :- लक्ष्मीकांत मुकुल जन्म – ०८ जनवरी १९७३ निवासी – रोहतास (बिहार) शिक्षा – विधि स्नातक संप्रति - स्वतंत्र लेखन / सामाजिक कार्य। किसान कवि/मौन प्रतिरोध का कवि। कवितायें एवं आलेख विभिन्न पत्र – पत्रिकाओं में प्रकाशित, पुष्पांजलि प्रकाशन, दिल्ली से कविता संकलन “लाल चोंच वाले पंछी’’ प्रक...