माखन के चोर
रूपेश कुमार
(चैनपुर बिहार)
********************
माखन के चोर,
गोपियों की नैनो के मोर,
तूने कैसा खेल किया,
दुनिया सारी तुम्हारे है ओर,
मीरा तुम्हारी दीवानी,
राधा तुम्हारी दीवानी,
दुनिया तुम्हारे दीवाने,
तेरे हाथों युग बना घनगोर,
कहीं जन्मा तू,
कहीं पला तू,
कहीं खेला तू,
कहीं रहा तू,
तेरे रूप अनेक,
तेरे रंग अनेक,
किसी के दिल में तू,
किसी के सांसो में तू,
तू दुनिया के पालन हारी,
तू दुनिया के सबके दुलारे,
तू है तो दुनिया है,
तू है तो हम है!
परिचय :- रूपेश कुमार छात्र एव युवा साहित्यकार
शिक्षा - स्नाकोतर भौतिकी, इसाई धर्म (डीपलोमा), ए.डी.सी.ए (कम्युटर), बी.एड (महात्मा ज्योतिबा फुले रोहिलखंड यूनिवर्सिटी बरेली यूपी) वर्तमान-प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी !
निवास - चैनपुर, सीवान बिहार
सचिव - राष्ट्रीय आंचलिक साहित्य संस्थान
प्रकाशित पुस्तक - मेरी कलम रो रही है
सम्मान : कुछ सहित्यिक स...