हे महागौरी माता
रूपेश कुमार
चैनपुर (बिहार)
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हे महागौरी माता, चार भुजा धारिणी माँ,
वृषभ की सवारी करती, अभय मुद्रा धारिणी,
दाहिने भुजा त्रिशूल, बाएँ मे डमरू,वर धारिणी,
तेरी महिमा है अपरम्पार, तू सबको देती आशीर्वाद।
श्वेतांबर धारण करतीं, गौर वर्ण से प्रसिद्ध है तू,
भगवान शिव की तू अर्धांगिनी से जानी जाती माँ तू,
धवल चाँदनी की छाया में, माँ तुम्हारा स्थान है अनमोल,
शांति, सौम्यता का प्रतीक, तू करती है सबका कल्याण।
माँ तेरे मस्तक पर सजा है, चंद्रमा की तेज आभा,
दुष्टों का नाश करती, देती भक्तों को जीवन की राह,
कमल पर बैठी है तू, सौम्य और नीरस तेरा है शैली,
भक्तों के दिल में बसी, तेरा अद्भुत अलौकिक चमत्कार।
शक्ति और भक्ति का संगम तू है साक्षात स्वरूप माँ,
हर दुख-दर्द को मिटाती तू है, सच्ची आस्था का धूप माँ,
तेरे चरणों की धूल से माँ, मिलता मन मस्ति...