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आज कई कोस
कविता

आज कई कोस

राम कुंवर (दिल्ली) ******************** आज कई कोस लोगो को पैदल चलते देखा है दो वक्त की रोटी के लिए भूख से तङपते देखा है अमीरो को हवाई जहाज से वतन लौटते देखा है गरीबो को वतन मे दर-बदर भटकते देखा है। परिचय :-  राम कुंवर दिल्ली विश्वविद्यालय। घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है। आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें …🙏🏻 आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा अवश्य कीजिये और पढते रहे hindi...