मन ये लगता नहीं अब तुम्हारे बिना …
रमाकान्त चौधरी
लखीमपुर खीरी (उत्तर प्रदेश)
********************
छोड़ कर काम सारे चले आइए,
मन ये लगता नहीं अब तुम्हारे बिना।
मन ये लगता नहीं अब तुम्हारे बिना ...
बंद आंखें करूं तो दिखो तुम ही तुम,
आंखें कब तक खुली बोलो रख पाऊंगा।
झूठ बोलूं ये आदत में शामिल नहीं,
प्यार की बात कब तक छुपाऊंगा मैं।
लाख मुस्काऊं मैं नए कपडे पहन,
कुछ भी जंचता नहीं अब तुम्हारे बिना।
मन ये लगता नहीं अब तुम्हारे बिना ...
देखकर दोस्त मुझको ये कहते सभी,
इसकी हालत बिगड़ती चली जा रही।
लग रहा आजकल ये भी पीने लगा,
चमक इसकी उतरती चली जा रही।
काम उल्टे सभी हो रहे आजकल,
कोई टोके नहीं अब तुम्हारे बिना।
मन ये लगता नहीं अब तुम्हारे बिना ...
कल की घटना बताऊं मैं घर से चला,
राह में एक लड़की से टकरा गया।
उसने दी गलियां मुझको पीटा बहुत,
वो बोली ये लड़का है पगला गया।
उसको कैसे बताता मैं बेहोश था...