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Tag: मोहर सिंह मीना “सलावद”

नैया का खिवैया शिक्षक
कविता

नैया का खिवैया शिक्षक

मोहर सिंह मीना "सलावद" मोतीगढ़, बीकानेर (राजस्थान) ******************** रोज सुबह मिलते है इनसे, क्या हमको करना है, ये बतलाते हैं। ले के तस्वीरें इन्सानों की, सही गलत का भेद हमें, ये बतलाते हैं। कभी डांट तो कभी प्यार से, कितना कुछ हमको, ये समझाते हैं। है भविष्य देश का जिन में, उनका सबका भविष्य, ये बनाते हैं। है रंग कई इस जीवन में, रगों की दुनिया से पहचान, ये करवाते हैं। खो ना जाएं भीड़ में कहीं हम, हम को हम से ही, ये मिलवाते हैं। हार हार के फिर लड़ना ही जीत है सच्ची, ऐसा एहसास, ये करवाते हैं। कोशिश करते रहना हर पल, जीवन का अर्थ हमें, ये बतलाते हैं। देते है नेक मंजिल भी हमें, राह भी बेहतर हमे, ये दिखलाते हैं। देते है ज्ञान जीवन का, काम यही सब है इनका, ये शिक्षक कहलाते हैं। आदर्शों की मिसाल बनकर, बाल जीवन संवारता शिक्षक सदाबहार फूल-सा खिलकर, महकता और महकाता शिक्षक ...