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Tag: मुनीर मुज़फ्फ़रपुरी

मीर सी कोई ग़ज़ल हो
ग़ज़ल

मीर सी कोई ग़ज़ल हो

=================================== रचयिता : मुनीब मुज़फ्फ़रपुरी मीर सी कोई ग़ज़ल हो ये कहाँ मुमकिन है हर महल ताज महल हो ये कहाँ मुमकिन है दुश्मनी भूल के दुश्मन को लगाले जो गले ऐसे इंसाँ का बदल हो ये कहाँ मुमकिन है दिल ए मायूस में ढूँढो न उमंगो की किरण ख़ुश्क झीलों में कँवल हो ये कहाँ मुमकिन है ख़्वाब ए गफ़लत में अगर वक़्त गुज़ारा जाए फिर तो रौशन कोई कल हो ये कहाँ मुमकिन है ग़म के मारों को ख़ुशी ग़म ही अता करती है हर ख़ुशी ग़म का बदल हो ये कहाँ मुमकिन है लेखक परिचय :- नाम: मुनीब मुजफ्फरपुरी उर्दू अंग्रेजी और हिंदी के कवि मिथिला विश्वविद्यालय में अध्ययनरत, (भूगोल के छात्र)। निवासी :- मुजफ्फरपुर कविता में पुरस्कार :- १: राष्ट्रीय साहित्य सम्मान २: सलीम जाफ़री अवार्ड ३: महादेवी वर्मा सम्मान ४: ख़ुसरो सम्मान ५: बाबा नागार्जुना अवार्ड ६: मुनीर नियाज़ी अवार्ड आने वाली ...