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Tag: मीना गोदरे ‘अवनि’

पिता
कविता

पिता

श्रीमती मीना गोदरे 'अवनि' इंदौर (मध्य प्रदेश) ******************** पर्वत से ऊंचे आसमान को छूते फौलादी बाहों में नाजुक एहसाश भरे जो मुझे गोद में उठा लेते मेरी मूस्कानो में जो अपनी मुस्कान भर देते सबसे प्यारे सबसे न्यारे  हैं पिता हमारे जिनके घर आते ही ऊर्जा से भर जाता घर का कोना कोना जो बरगद की शीतल छाया से तपन ग्रीष्म की हर लेते सबसे प्यारे सबसे न्यारे हैं पिता हमारे दूर रहकर भी मुझसे जिनको  चैन नहीं आता आंखों में आंसू नहीं होते पर रोता है दिल जिनका सबसे प्यारे सबसे न्यारे  हैं पिता हमारे दिखते हैं जो कठोर से हम को अनुशासित करने में जेब भरी हो या हो खाली सदा तत्पर रहते मेरे सपनों को भरने में सबसे प्यारे सबसे न्यारे वो पिता हमारे वो सूरज हैं मेरे घर के जिनसे होता उजियारा गर्व हमें उनके साहस पर जिनसे भय भी है भय खाता सबसे प्यारे सबसे न्यारे हैं पिता हमारे जिनके मन की हम न जाने सदा आज्...