नमन योद्धा
मित्रा शर्मा
महू, इंदौर (मध्य प्रदेश)
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मातृ भूमि के वीर पुत्र!
आप के सम्मान में उठे हुए
मस्तक प्रणाम करते हैं
गर्व से तनी हुई छाती और
अवरुद्ध कंठ से भी
आप के गुणगान करते हैं।
आप का जाना साधारण नहीं था
साजिशों की बू आती है
गद्दारों के मन में पनपते
रंजिशों के भास आती है।
योद्धा घर पर नहीं पर्यण करते
वीर गति को पाते हैं
दुश्मनों के चक्रव्यूह में
अभिमन्यु अकेले ही लड़ते हैं।
नमन वीर सिपाही ! तुम्हे नमन!
भारत मां महान बनाने वाले
आप को नमन।
परिचय :- मित्रा शर्मा - महू (मूल निवासी नेपाल)
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