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Tag: माधुरी शुक्ला

वजह तुम ही हो
कविता

वजह तुम ही हो

माधुरी शुक्ला कोटा ******************** जिंदगी तू ही बता, क्यों इस कदर उदास है। तन्हाइयो में भी यूं ही कभी क्यों खुद की तालाश है। आईना जब भी देखुं कभी, खुद का अक्स नज़र आये गमों के बादल भी मुझसे छिटककर दूर चले जाएं।। एक पल को ही सही, मुस्कराने की कोई तो वजह फिर से मिल जाय फिर से तेरा साथ मिल जाये। इतनी बेरुखी सी क्यो हो क्या ख़ता हुई मुझसे, हमारे दर्मिया दूरिया क्यो, फिर से पास आजाओ तेरा साथ मिल जाये।। तन्हाइयों का हर लम्हा, चुभता है मुझे,कब कोई अपना आये ओर फिर से, मुस्कराने की वजह बन जाए।। . लेखीका परिचय :-  नाम - माधुरी शुक्ला पति - योगेश शुक्ला शिक्षा - एम .एस .सी.( गणित) बी .एड. कार्य - शिक्षक निवास - कोटा (राजस्थान) आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, ...
अधूरे ख्वाहिश
कविता

अधूरे ख्वाहिश

********** माधुरी शुक्ला कोटा राह आसान नही है इस जिंदगी की, कब क्या हो जाये किसी को नही पता। इतनी मुकम्मल पुर सुकून होती जिंदगी, तो लोग इबादत ही छोड़ देते।। पसन्द का क्या मन का वहम ही तो है, कब किसे कर ले कुछ नही पता।। अधीरता ,बेकरारी किसके लिए, कुछ नही पता बस हो रही है।। अरमान ख्वाहिशे कुछ तो ऐसेहै अधूरे से, नही होते कभी यह, पूरे।। गर होता, इतना आसान, पूरा होना इनका, तो यू ही ना निकलती जिंदगी।। . लेखीका परिचय :-  नाम - माधुरी शुक्ला पति - योगेश शुक्ला शिक्षा - एम .एस .सी.( गणित) बी .एड. कार्य - शिक्षक निवास - कोटा (राजस्थान) आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें h...
रिश्ता नया नया
कविता

रिश्ता नया नया

********** रचयिता : माधुरी शुक्ला क्या में कहु, क्या में सुनाऊ बड़ा ही कठिन रास्ता है यह,, विजयपथ यह मंजर बड़ा ही बीहड़ भरा मंजिल कहा होगी नही पता। गर  कुछ कहा, आपने सुना गर बिगड़ गया कुछ, ये नया अहसास है, जज्बात नया रिश्ता भी तो है नया नया। कुछ तो सीमा है, इसकी मंजिल का पता नही बहके हुए कदमो को रोकना ही सही। ये रिश्ता नया नया महक है अभी बाकी इसकी सुगंध भी है बाकी दोस्ती में भी बहुत कुछ, खूबसूरत सा रंग है बाकी। बिखरने ना दे हम इसे फूलों की कलियों की तरह रिश्ता हमारा नया नया सा जो है। . . लेखीका परिचय :-  नाम - माधुरी शुक्ला पति - योगेश शुक्ला शिक्षा - एम .एस .सी.( गणित) बी .एड. कार्य - शिक्षक निवास - कोटा (राजस्थान) आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख...
अपना सा
कविता

अपना सा

==================== रचयिता : माधुरी शुक्ला एक दोस्त की तरह नायाब हीरा है जिनकी  चमक से चेहरे पर उजाला भर जाये।। बातो के जादूगर है यो मीठे बोल भी मिश्री सी मिठास घोल देती । जब भी आते है कुछ नया रंग नए रूप में आते है जैसे भी आते है उमंग से भरपूर नजर आते हैं।। काश की, काश कि पहले आ जाते तो थोड़ा हम भी आशिकी कर जाते, तो थोड़ा सा सही रुमानियत से हो जाते। वजूद और कद से बहुत बड़े है हम अदने से होकर आपके लिए क्या कहे, नाचीज जो हूँ।। लेखीका परिचय :-  नाम - माधुरी शुक्ला पति - योगेश शुक्ला शिक्षा - एम .एस .सी.( गणित) बी .एड. कार्य - शिक्षक निवास - कोटा (राजस्थान) आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर मेल कीजिये मेल करने ...
तोहफा
लघुकथा

तोहफा

==================== रचयिता : माधुरी शुक्ला राहुल को दादी बहुत प्यार करती है। वह भी दादी का खूब ख्याल रखता है पापा-मम्मी से भी ज्यादा। दादी उसे जब भी अपने जमाने की बातें सुनातीं तो उसमें पक्की सहेली सरला का जिक्र जरूर आता। उनके बारे में बात करते वक्त दादी के चेहरे पर खुशी तैर जाया करती थी। पहले सरला दादी उनके यहां आ जाया करती थी पर अब बढ़ती उम्र और स्वास्थ्य की खराबी के चलते काफी समय से उनका आना नहीं हुआ। आज दादी का जन्मदिन है। सब उन्हें शुभकामनाएं और तोहफे दे रहे हैं। राहुल ने कुछ अलग करने की ठान रखी है। वह शाम को दादी को पहले मंदिर फिर सरला दादी के घर ले जाता है। दोनों को खूब खुश देखकर उसे लगता है जन्मदिन पर दादी के लिए इससे बड़ा तोहफा शायद ही दूसरा कोई होता। फिर दादी भी तो बार-बार यही कह रही है सरला से मिलकर आज मेरा दिन सार्थक हो गया। लेखीका परिचय :-  नाम - माधुरी शुक्ला पति...