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Tag: महेश चंद जैन ‘ज्योति’

नारी हूँ अभिशाप नहीं
कविता

नारी हूँ अभिशाप नहीं

महेश चंद जैन 'ज्योति' महोली ‌रोड़, मथुरा ******************** चिड़ियों के बिन सूना आँगन, कलियाँ बिन सूनी डाली। कन्या के बिन सूना लगता, पूरा घर आँगन खाली।। जब ये किलकें‌ खेलें चहकें, तृप्त नयन हो जाते हैं। जीवन में जब पुण्य फलें तो, कन्या का फल पाते हैं।। मुझे जन्म लेने दे माता, मैं भी अंश तुम्हारी हूँ। बड़ी लड़ोधर हूँ पापा की, घर की राजदुलारी हूँ।। बचा-खुचा खाकर जी लूंगी, भैया गोद खिलाऊंगी। एक दिवस तेरे आँगन से चिड़िया सी उड़ जाऊंगी।। पढ़ा लिखा कर मुझको भी माँ, खड़ी पैर पर कर देना। होकर बड़ी करूंगी सेवा, अच्छा सा चुन वर देना।। तू भी नारी मैं भी नारी, नारी होना पाप नहीं। सूना जग नारी बिन सारा, नारी हूँ अभिशाप नहीं।। परिचय :- महेश चंद जैन 'ज्योति' निवासी : महोली ‌रोड़, मथुरा घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्...
हुआ दर्द से प्यार
गीत

हुआ दर्द से प्यार

महेश चंद जैन 'ज्योति' महोली ‌रोड़, मथुरा ******************** तुम्हीं बताओ कैसे तोड़ूँ किये हुए अनुबंध? आँखें खोलीं, मिली पाॅव को दलदल की सौगात, सीख लिया तब से नयनों ने जगना सारी रात, पीर महकने लगी उठी आँसू से मधुर सुगंध। पथरीली राहें पाॅवों में पड़ी अनेकों ठेक, संघर्षों का साॅझा चूल्हा रहा उन्हें था सेक, जुड़ा पसीने का पीड़ा से मिसरी सा संबंध। साथ चले फिर गये छोड़कर नदिया के मॅझधार, जैसे-तैसे बाहर आये बैठे हैं इस पार, अब कुछ झुके हुए से लगते तने-तने स्कंध। और वज़न कुछ बढ़ा शीश पर लेता दर्द हिलोर, कितनी दूर और रजनी से होगी सुंदर भोर, साॅसें थोड़ी इनी-गिनी सी टूटेगा फिर बंध। साथ पुराना दर्द लगे अब अपना मुझको यार, टीस उठे तो लगता उसने जतलाया है प्यार, अंत समय तक साथ निभेगा अनुपम किया प्रबंध। परिचय :- महेश चंद जैन 'ज्योति' ...
मैं सुगन्ध हूँ
गीत

मैं सुगन्ध हूँ

महेश चंद जैन 'ज्योति' महोली ‌रोड़, मथुरा ******************** मैं सुगन्ध के झोंके जैसा, महक रहा हूँ गुलशन में। बसा हुआ हूँ मैं पुष्पों में, खिलती कलियों के मन में।। कैसे आया मैं फूलों में इसका मुझको ज्ञान नहीं, महकाता केवल दुनियाँ को और न जाता ध्यान कहीं, मैं बचपन के भीतर चहकूँ दहकूँ उफने यौवन में।.... भोर हुए नवजीवन पाता साँझ ढले मुरझाता हूँ, झरता है जब पुष्प डाल से कहाँ किधर खो जाता हूँ, रंगों से क्या लेना मुझको देना सीखा जीवन में।..... मेरे रूप हजारों महकें विदुर गुणी इन्सानों में, नहीं भूलकर रह पाता हूँ हैवानों शैतानों में, पाँखुरियों में घर है मेरा नहीं मिलूंगा कंचन में।.... मुझसे प्यार करो तो आओ अपना मुझे बना लेना, थोड़ी देकर जगह मुझे तुम अपने हृदय बसा देना, महका दूंगा अंतर्मन को गंध उठे ज्यों चन्दन में।... परिचय :-महेश चंद जैन 'ज्योति' निवासी : महोली ‌रोड़, मथुरा घोषणा पत्र : मैं ...
दिखाओ तो सही
गीतिका

दिखाओ तो सही

महेश चंद जैन 'ज्योति' महोली ‌रोड़, मथुरा ******************** क्या किया है आपने मुझको बताओ तो सही। कर्म की अपनी कहानी कुछ सुनाओ तो सही।।१ आह से अपनी तिजोरी भर रखी हैं क्यों भला। खोल‌ करके कोष अपना तुम दिखाओ तो सही।।२ लूट कर खुशियाँ गरीबों की खड़े मुसका रहे। मुस्कुराहट तुम उन्हें उनकी दिलाओ तो सही।।३ हाथ आता है नहीं‌ बादल घिरा आकाश में। घूँट जल की नेह से आकर पिलाओ तो सही।।४ झाँकता है चंद्रमा खिड़की तुम्हारी बंद है । खोल‌ खिड़की चाँद को अंदर बुलाओ तो सही।।५ जोड़ कर के या घटा कर देख लो क्या है मिला। क्या गलत है क्या सही कुछ आजमाओ तो सही।।६ बाँट कर खुशियाँ कभी तो मुस्कुरा कर देख लो। खिल खिलाकर के कभी तुम मुस्कुराओ तो सही।।७ परिचय :-महेश चंद जैन 'ज्योति' निवासी : महोली ‌रोड़, मथुरा घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है। आप भी अ...
अभी अधूरा अभिनन्दन है
गीत

अभी अधूरा अभिनन्दन है

महेश चंद जैन 'ज्योति' महोली ‌रोड़, मथुरा ******************** दीपक अभी नहीं जल पाया, माँ के मन की आशा का। अभी अधूरा अभिनन्दन है, अपनी प्यारी भाषा का।। यों तो सिंहासन पर हमने, लाकर इसे बिठाया है, पर अपने ही हाथों से, विष प्याला इसे पिलाया है, टूट गया है कच्चा धागा, इसकी मन अभिलाषा का। अभी अधूरा अभिनंदन है, अपनी प्यारी भाषा का।।(१) बड़े अनूठे अक्षर अनुपम, अद्भुत शक्ति भरे प्यारे, अनुस्वार लगते ही करते, ब्रह्मनाद मिलकर सारे, हर अक्षर है एक योगिनी, अंत न ज्ञान पिपासा का। अभी अधूरा अभिनंदन है, अपनी प्यारी भाषा का।।(२) अब तक मान दिया है थोथा, फिर भी तो मुस्काते हैं, देख रहे दुर्दशा मौन हम, मन में नहीं लजाते हैं, दूर करो अँधियार आवरण, तोड़ो धुंध कुहासा का। अभी अधूरा अभिनंदन है, अपनी प्यारी भाषा का।।(३) छंद गीत कविता मल्हार का, नीर अमिय सम पिलवायें, रसिया राग रागिनी के फल, मेवा व्यंजन खिलवायें,...