भाषा की व्यक्तित्व निर्माण में अहम भूमिका है।
मनीषा व्यास
इंदौर (मध्य प्रदेश)
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निज भाषा उन्नति अहै सब उन्नति को मूल,
बिन निज भाषा ज्ञान के मिटे न हिय को शूल।
भारतेन्दु जी की ये पंक्तियां मनुष्य का संपूर्ण विकास करने में सहायक हैं। जो व्यक्ति अपनी भाषा में शिक्षा ग्रहण करता है वो सभी विषयों को गहराई से समझने की योग्यता रखता है। विषय का गहनता से किया गया अध्ययन मनुष्य के स्वाभाविक विचार, तर्क शक्ति और चिंतन को दृढ़ बनाता है। जिससे व्यक्ति का सर्वांगीण विकास संभव होता है। मातृभाषा में शिक्षा प्राप्त करने से किसी भी विषय और अन्य भाषाओं को सीखने में आसानी होती है।
विश्व भी इस बात का साक्षी है कि मनुष्य का संपूर्ण विकास अपनी भाषा अपने संस्कारों और अपने देश की संस्कृति को सीखकर उसे प्रस्तुत करने में है। आज हम इस बात के साक्षी है कि देश की संपर्क भाषा ही लोगों को अपनी बात कहने और समझने के लिए पर्याप्त है, इस बात पर क...