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Tag: भुवनेश नौडियाल

सपनों का संसार
कहानी

सपनों का संसार

भुवनेश नौडियाल पौड़ी गढ़वाल (उत्तराखंड) ******************** जीना और मरना, ये जीवन के दो पहलू हैं। इस संसार में जिसने जन्म लिया है, उसे मरना तो है ही, यह तो जगत विदित है। जीना और मरना यह तो ईश्वर के हाथों में है, ना तो मेरे हाथों में है, और ना दूसरे के हाथों में, किंतु माध्यम मैं भी बन सकता हूं, और कोई दूसरा भी। पर यह थोड़ी है, कि हम अपने सपनों को पूरा करने के लिए किसी भी प्राणी को पीड़ा पहुंचाएं, यह तो न्याय संगत नहीं है। यह तो आपके ऊपर है, कि आप किस प्रकार का जीवन जीना चाहते हैं। अपने सपनों का संसार या इस कहानी के जैसे- यह कहानी ऐसे किसान की है, जो अपनी जिंदगी से हार मान चुका है, और आगे जीना नही चाहता है। मानों की संसार के सारे दुख इसी को प्राप्त हुए हो, इस कारण से वह अपने बच्चे को जन्म लेने से पहले ही मार देना चाहता है। पर उसे क्या पता जो भाग्य में लिख...
डर
कहानी

डर

भुवनेश नौडियाल पौड़ी गढ़वाल (उत्तराखंड) ******************** यह कहानी कल्पना पूर्ण तो है ही, पर कल्पनाओं की जंजीर तोड़ कर यह हकीकत का दर्पण दिखाती है। यह कहानी अचानक प्रकृति की गोद में सोए सोए मस्तिष्क पटल में अंकित हो गई थी। इसलिए अपनी कलम से इस कहानी को लिखने की कोशिश की है। मैं अपने रोजमर्रा के कामों को समाप्त करके अपने आपको थका हुआ, और निद्रा देवी के आंचल में लिपट रहा था अर्थात नींद के आगोश में डूब रहा था, जैसे ही मुझे नींद की देवी ने अपने आंचल तले छुपा दिया, तो मैं अपनी कल्पना की दुनिया में गोते खा रहा था। मैं खुद नहीं जानता था, कि मैं कहां हूं वह तो जब नींद खुली तो पता चला कि मैं एक जंगल में हूँ या कल्पना की दुनिया में, कल्पना.... एक प्रश्न....? मन में इस प्रकार के प्रश्न प्रस्फुटित होते रहते हैं, पर आज अचानक यह प्रश्न मन में उदित हुआ, कल्पना.........
उठो वीर तुम
कविता

उठो वीर तुम

भुवनेश नौडियाल पौड़ी गढ़वाल (उत्तराखंड) ******************** उठो उठो तुम, वीर सपूतों, भारत का नवनिर्माण करो चिंगारी की ज्वाला बनकर, भारत का उद्धार करो उठो उठो तुम ....नवनिर्माण करो भ्रष्टाचार की जंजीरों को, अर्पण हुताशन को कर दो स्वप्न जो देखा है भारत का, उसे उजागर, तुम कर दो उठो उठो तुम ....नवनिर्माण करो विश्व गुरु का सपना जो, देखा है, वीर सपूतों ने भ्रष्टाचार की अग्निशिखा, फैली है चहु दिशाओं में उठो उठो तुम ....नवनिर्माण करो आजादी की लहरों को, फिर से उमड़कर आने दो सच्चाई की मूरत को, दिल में बसाकर तुम रख लो उठो उठो तुम ....नवनिर्माण करो परिचय :-  भुवनेश नौडियाल पिता : स्व. श्री जवाहर नौडियाल माता : मधु देवी निवासी : पालसैण, पौड़ी गढ़वाल (उत्तराखंड) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्...
जिंदगी का सफर
कविता

जिंदगी का सफर

भुवनेश नौडियाल पौड़ी गढ़वाल (उत्तराखंड) ******************** सफर है इस जीवन का, किसी दिन वह थम जाएगा। हजारों अश्रु नयनों में देकर, कहीं दूर वह छुप जाएगा। यादों का यह समुद्र है, फिर उमडकर वापस आएगा। ना जाने किन स्मृतियों में, हमको भी ढूंढा जाएगा। ईश्वर की इस परंपरा को, दिल से निभा कर जाऊंगा। यादों के इस संसार में, छाप अपनी छोड़ जाऊंगा। पुष्प बनकर खिल जाऊंगा, धूल पर एक दिन मिल जाऊंगा। ना जाने किस दिन में, अपनी यादों को छोड़ जाऊंगा। परिचय :-  भुवनेश नौडियाल पिता : स्व. श्री जवाहर नौडियाल माता : मधु देवी निवासी : पालसैण, पौड़ी गढ़वाल (उत्तराखंड) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है। आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्री...
भारत माता
कविता

भारत माता

भुवनेश नौडियाल पौड़ी गढ़वाल (उत्तराखंड) ******************** राम की स्वर्ग भूमि है, महाभारत की युद्ध भूमि है वीरों की जन्मभूमि है, संतों की यज्ञ भूमि है देवों की पूज्य भूमि है, भरत की मातृभूमि है प्रकृति के सौंदर्य भूमि है, वायु की प्रवाह भूमि है सूर्य की प्रकाश भूमि है, मनुष्यों की दात्री भूमि है गुरुवों की ज्ञान भूमि है, शिष्यों की भक्ति भूमि है महिलाओं की कर्मभूमि है, पशुओं की संचरण भूमि है नदियों के उद्गम भूमि है, हिमालय की दृढ़ भूमि है परिचय :-  भुवनेश नौडियाल पिता : स्व. श्री जवाहर नौडियाल माता : मधु देवी निवासी : पालसैण, पौड़ी गढ़वाल (उत्तराखंड) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है। आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आ...