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अधरों पर मुस्कान
दोहा

अधरों पर मुस्कान

बुद्धि सागर गौतम नौसढ़, गोरखपुर, (उत्तर प्रदेश) ******************** काला तिल है गाल पर, अधरों पर मुस्कान। जीवन साथी खुश रहे, सदा रहे मुस्कान। हंसता मुखड़ा जान का, अधरों पर मुस्कान। पत्नी मेरी खुश रहे, मैं चाहूं मुस्कान। अधर गुलाबी है नरम, मुखड़े पर मुस्कान। दुल्हन ऐसी भाग्य से, पाता है इंसान। अधरों पर मुस्कान है, आंखों में है शर्म। पत्नी मेरी समझती, सदा हमारी मर्म। ममता की मूरत लगे, बोती है मुस्कान। अधरों पर मुस्कान से, खुश रहते संतान। रखने में कुछ ना लगे, अधरों पर मुस्कान। खुद को भी अच्छा लगे, मुस्काता इंसान। सुंदर मुखड़ा भीम का, अधरों पर मुस्कान। किए कर्म है नेक जो, हम पाए मुस्कान। शांति मिली है बुद्ध से, पंचशील का ज्ञान। अधरों पर मुस्कान है, मिला धम्म का ज्ञान। नमन करूं मैं भीम को, नमन तथागत बुद्ध। अधरों पर मुस्कान हो, सबका मन हो शुद्ध। परिचय :- बुद्धि सागर गौतम जन्म : १० जनवर...
गोरखपुर में विराट मंचीय हिंदी कवि सम्मेलन संपन्न।
साहित्यिक

गोरखपुर में विराट मंचीय हिंदी कवि सम्मेलन संपन्न।

                                                              गोरखपुर। अभिनव जन सेवा संस्थान, प्रयागराज द्वारा संचालित अभिनव साहित्यिक मंच, गोरखपुर इकाई के गठन, आंग्ल वर्ष तथा माता सावित्रीबाई फुले जी की जयंती के शुभ अवसर पर "सर्व धम्म समभाव" पर आधारित विराट मंचीय कवि सम्मेलन" दिनांक ०३/०१/२०२१ को सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। विराट कवि सम्मेलन का शुभारंभ ज्ञान के प्रतीक परम पूज्य बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी के चित्र पर सभी कवियों तथा कवियित्रियों के द्वारा दीप प्रज्वलित, माल्यार्पण तथा पुष्प अर्पित करके हुआ तत्पश्चात माता सावित्रीबाई फुले जी को नमन करते हुए उनकी याद में रचनाएं भी प्रस्तुत की गई। कार्यक्रम का शानदार आयोजन इकाई के जिलाध्यक्ष कवि श्री बुद्धि सागर गौतम जी तथा जिला सचिव कवि श्री ओम प्रकाश गौतम जी के कुशल संयोजन में हुआ। उक्त कार्यक्रम में अभिनव जन सेवा संस्थान के संस्थापक कवि...
जय जवान, जय किसान, जय स्वच्छकार
कविता

जय जवान, जय किसान, जय स्वच्छकार

बुद्धि सागर गौतम नौसढ़, गोरखपुर, (उत्तर प्रदेश) ******************** देश, जवान, किसान की जय, जय स्वच्छकार की करते हैं। आप सभी गौरव भारत के, गर्व आप पर करते हैं। भारत देश हमारा है, बहुत प्यार हम करते हैं। जन्म लिए हम भारत में, जय भारत, भीम की करते हैं। जवान देश के सैनिक हैं, ये देश की रक्षा करते हैैं। गर्मी, ठंडी में दिनों रात, सीमा पर ड्यूटी करते हैं। जय जवान, जय देश के सैनिक, नमन आपको करते हैं। देश में रहते अमन चैन से, याद आपको करते हैं। किसान हमारे शुद्ध रत्न, धूप में तपते रहते हैं। तन, मन, धन, श्रम अर्पित करके, अन्न उगाया करते हैं। अन्न उगाकर कृषक लोग, पेट देश का भरते हैं। जय जवान, जय धरती मां, हम नमन आपको करते हैं। जय जय जय जय स्वच्छकार, स्वच्छ देश को करते हैं। अपनी चिंता किए बगैर, दिन-रात सफाई करते हैं। आत्मसुरक्षा नहीं, उपकरण, स्वच्छकार ना पाते हैं, मेनहोल, सीवर में घुसकर, स्वास ब...
जीवन के रंग अनोखे
कविता

जीवन के रंग अनोखे

बुद्धि सागर गौतम नौसढ़, गोरखपुर, (उत्तर प्रदेश) ******************** है जीवन के रंग अनोखे, हंसी खुशी से जी लो तुम। प्यार मोहब्बत के रंगों से, जी भर खूब नहा लो तुम। दुख जीवन का काला रंग है, हंसकर इसे हरा दो तुम। खुशियों के रंगों से जीवन, अपना खूब सजा लो तुम। है जीवन के रंग अनोखे, अंबर नीला नीला है। सरसों के फूलों को देखो, सुंदर पीला पीला है। भारत का चौरंगा झंडा, गौरव शान बढ़ाता है। जीवन का हर रंग अनोखा, हमें प्रेम सिखलाता है। जाड़े गर्मी हर मौसम में, हमें लहरते रहना है। सत्य, अहिंसा, प्रेम के पथ पर, आगे बढ़ते रहना है। सरदार भगत सिंह, भीमराव का, भारत गुलशन प्यारा है। संविधान भारत का मेरा, हमें जान से प्यारा है। परिचय :- बुद्धि सागर गौतम जन्म : १० जनवरी १९८८ सम्प्रति : शिक्षक- स्पर्श राजकीय बालिका इंटर कालेज गोरखपुर, लेखक, कवि। निवासी : नौसढ़, गोरखपुर, उत्तर प्रदेश घोषणा पत्र : मै...
देश प्रेमी पथिक
कविता

देश प्रेमी पथिक

बुद्धि सागर गौतम नौसढ़, गोरखपुर, (उत्तर प्रदेश) ******************** प्रेम पथिक हूं अच्छे दिल का, प्रेम राह पर चलता हूं। कांटो की परवाह नहीं है, नहीं किसी से डरता हूं। तेरा सच्चा प्रेमी हूं मैं, तुम पर मैं तो मरता हूं। सारी दुनिया से लड़ने की, हिम्मत मैं तो रखता हूं। प्रेम पथिक हूं देश प्रेम का, प्रेम देश से करता हूं। मातृभूमि भारत का अपने, हर पल सेवा करता हूं। मानवता का पाठ पढ़ाता, गीत देश का गाता हूं। प्रेम कहानी मैं भारत का, सबको खूब सुनाता हूं। परिचय :- बुद्धि सागर गौतम जन्म : १० जनवरी १९८८ सम्प्रति : शिक्षक- स्पर्श राजकीय बालिका इंटर कालेज गोरखपुर, लेखक, कवि। निवासी : नौसढ़, गोरखपुर, उत्तर प्रदेश घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है। आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के...
भीम हमारे
कविता

भीम हमारे

बुद्धि सागर गौतम नौसढ़, गोरखपुर, (उत्तर प्रदेश) ******************** बाबा साहब भीम हमारे, मां भीमा के लाल रहे। सूबेदार पिता जी उनके, चौदहवीं संतान रहे। पिता रामजी राव हुए खुश, अन्न, वस्त्र भी बांट रहे। विधि मंत्री पहले भारत के, बाबा साहब जी भीम रहे। बालक भीमराव पढ़ने में, अपनी रुचि दिखलाए थे। सूबेदार पिता जी उनके, नामांकन करवाए थे। दर-दर, दर-दर भटक रहे थे, तभी सफलता पाए थे। प्रतिभाशाली भीमराव जी, सदा प्रथम ही आए थे। भारत आजाद कराने को, भीमराव संघर्ष किए। कठिन परिस्थिति में भी पढ़कर, संविधान निर्माण किए। शोषित पीड़ित, नर नारी को, उनका हक अधिकार दिए। भारत मेरा आजाद हुआ, भीम राव कानून दे। करूं नमन में भीम आपको, भारत नव निर्माण किए। चौदह अप्रैल को जन्म लिए, छः दिसंबर प्रस्थान किए। भारतवासी ऋणी आपका, नमन आपको करते हैं। जय भारत, जय भीम प्रेम से, मिलकर बोला करते हैं। परिचय :- बुद्धि सागर गौतम जन...
संविधान दिवस
कविता

संविधान दिवस

बुद्धि सागर गौतम नौसढ़, गोरखपुर, (उत्तर प्रदेश) ******************** कानून दिवस की बहुत बधाई, आप सभी को देता हूं। संविधान तैयार हुआ, मैं श्रेय भीम को देता हूं। संविधान निर्माता बाबा, भीम राव बतलाता हूं। दुनिया गौरव भीमराव को, श्रद्धा पुष्प चढ़ाता हूं। कानून दिवस 26 नवंबर, मिलकर खूब मनाता हूं। बाबा साहब भीमराव को, अपना शीश झुकाता हूं। रक्षा करना संविधान का, आवाह्न करता हूं। लोकतंत्र की रक्षा करना, यही निवेदन करता हूं। संविधान का पालन करिए, पढ़िए, सभी बताता हूं। संविधान घर-घर में रखिए, सबको यह समझाता हूं। संविधान का ज्ञान रखें सब, अच्छी बात बताता हूं। भ्रष्टाचार तभी मिटेगा, सबको यही पढ़ाता हूं। शिक्षित हो, संगठित बनो, संदेश भीम का देता हूं। संगठित बनो, संघर्ष करो, मैं ज्ञान सभी को देता हूं। बाबा साहब भीम की बातें, सभी से करता रहता हूं। संविधान की बातों को, सबको बतलाता रहता हूं। परिचय :- ...
श्रद्धांजली
कविता

श्रद्धांजली

बुद्धि सागर गौतम नौसढ़, गोरखपुर, (उत्तर प्रदेश) ******************** दुनिया आपसे सीखेगी, बिटिया को शेर बनाया है। प्रभु दयाल जी मेरा नमन, निब्बान अपने पाया है। बेटा से कम नहीं है बेटी, सिद्ध आपने कर डाला। माया बहन सा बेटी पाकर, आयरन लेडी बना जा डाला। प्रभु दयाल जी आपकी बेटी, नाम आपका चमकाया। यूपी का मुख्यमंत्री बन कर, लोहा अपना मनवाया। अपराधी थरथर कांप रहे थे, प्रभु जी आपकी बिटिया से। माया जैसा निडर बने सब, अर्ज मेरा सब बिटिया से। प्रभु दयाल जी आप हमारे हैं, देश की गौरव गाथा में, शत शत बार नमन आपको, अश्रु भरा है आंखों में। परिचय :- बुद्धि सागर गौतम जन्म : १० जनवरी १९८८ सम्प्रति : शिक्षक- स्पर्श राजकीय बालिका इंटर कालेज गोरखपुर, लेखक, कवि। निवासी : नौसढ़, गोरखपुर, उत्तर प्रदेश घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है। आप भी अपनी क...
मेरे मन को भाती मां
कविता

मेरे मन को भाती मां

बुद्धि सागर गौतम नौसढ़, गोरखपुर, (उत्तर प्रदेश) ******************** मेरी मां दुलारी मां, सचमुच नाम दुलारी मां। सारे जग से प्यारी मां, मेरे मन को भाती मां। जन्म मुझे दिया है मां, आकार मुझे दिया है मां। प्यार मुझे करती है मां, मेरे मन को भाती मां। मुझको खिला पिलाकर मां, बड़ा किया है मुझको मां। जीवन कौशल सिखलायी मां, मेरे मन को भाती मां। हर दुख से मुझे बचाती मां, खुशियां मुझे लुटाती मां। मेरा भला चाहती मां, मेरे मन को भाती मां। याद तुम्हें करता हूं मां, प्यार तुम्हें करता हूं मां। मुझ में हिम्मत भरती मां, मेरे मन को भाती मां। चलना मुझे सिखायी मां, शिक्षक मुझे बनाई मां। खुश मुझको रखती है मां, मेरे मन को भाती मां। कहीं नहीं गई हो मां, मेरे पास सदा हो मां। मेरे दिल में बसती मां, मेरे मन को भाती मां। धन्य धन्य हो, धन्य धन्य हो, धन्य धन्य हो मेरी मां। नमन है तुमको, नमन है तुमको, नमन है तुम...