जगतगुरू आदि शंकराचार्य
बिसे लाल
खड़गवां (छत्तीसगढ़)
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धर्म और संप्रदाय पर
जब था अंधकार का साया,
तब केरल के कालडी़ मैं
जन्मे महान संत।
८ वर्ष की उम्र में सन्यासी
बने सबको दिया ज्ञान,
कई ग्रंथ रचकर दिया
सबको परम ज्ञान।
सनातन धर्म स्थापित किया,
अद्वैत चिंतन को
पुनर्जीवित करके सनातन
हिंदू धर्म का निर्माण किया।
बिखरे भारतवर्ष को
अध्यात्म मार्ग पर जोड़ा,
पूरब पश्चिम उत्तर दक्षिण
को चार मठों में जोड़ा।
कई ग्रंथ लिखकर
समाज को जागृत किया,
सभी को अद्वैत
वेदांत का दर्शन कराया।
कम आयु में महान कार्य किए,
धर्म सनातन का उत्थान किया।
धन्य हुई धरती धन्य हुआ भारतवर्ष,
भारतवासी कृतार्थ हूँ।
परिचय :- बिसे लाल
सम्प्रति : सहायक शिक्षक शासकीय प्राथमिक शाला मेंड्रा विकासखंड खड़गवां
निवासी : खड़गवां जिला कोरिया (छत्तीसगढ़)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं म...