आराध्य राम
प्रो. डॉ. शरद नारायण खरे
मंडला, (मध्य प्रदेश)
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आराध्य राम की पूजा में,
मैं सारी उम्र बिताऊँगा।
जयराम कहूंगा अधरों से,
मैं भवसागर तर जाऊँगा।।
धर्म-नीति के जो रक्षक,
हैं नित्य सदा ही हितकारी।
उनकी गरिमा-महिमा पर मैं,
हूँ बार-बार बलिहारी।।
आराध्य राम की गाथा को,
मैं संग समर्पण गाऊँगा।
जयराम कहूंगा अधरों से,
मैं भवसागर तर जाऊँगा।।
अंतर मेरा पावन होगा,
जब राम नित्य मैं बोलूँगा।
तब साँच सदा मुखरित होगा,
जब भी मैं मुँह को खोलूँगा।।
आराध्य राम मंगलमय हैं,
मैं बार-बार दोहराऊँगा।
जयराम कहूंगा अधरों से,
मैं भवसागर तर जाऊँगा।।
पाप,शोक,संताप मिटे,
मैं हर सुख से भर जाऊँगा।
सब होंगे मेरे नित प्यारे,
मैं भी तब सबको भाऊँगा।।
आराध्य राम नित हितकारी,
मैं जीवन-सुमन खिलाऊँगा।
जयराम कहूंगा अधरों से,
मैं भवसागर तर जाऊँगा।।
परिचय :- प्रो. डॉ. शरद नारा...