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महाकुंभ महिमा
भजन

महाकुंभ महिमा

प्रो. डॉ. विनीता सिंह न्यू हैदराबाद लखनऊ (उत्तरप्रदेश) ******************** गंगा, जमुना और सरस्वती तीनों हैं इक साथ में तीनों नदियों का संगम है तीर्थ राज प्रयाग में १. उज्जवल श्यामल पानी मिलकर बहे निर्मल जल धारा कण-कण में है इसके अमृत, कितनों को है तारा ब्रह्मा, शिव का तेज समाया इस निर्मल जल धार में २. इस तीर्थ महिमा की गाथा वेदों ने है गायी यहाँ ऋषि और मुनियों ने हैं कितनी सिद्धियाँ पायीं ज्ञान मिले अध्यात्म जगे संगम के पुण्य प्रताप में ३. भारद्वाज मुनि का आश्रम यहाँ प्रभु राम जी आए थे माता सीता और लक्ष्मण संग में आशीष पाए थे प्रभु राम ने चरण पखारे इस निर्मल जल धार में ४. दरस परस कर महाकुंभ में पुण्य प्रताप जगा लो पावन इस जल की धारा में मन का मैल मिटा लो पाप कटे संताप मिटे इस पावन जल की धार में परिचय :- प्रो. डॉ. विनीता सिंह निवासी : न्यू हैदराबाद लखनऊ ...
सजी अयोध्या आज
भजन

सजी अयोध्या आज

प्रो. डॉ. विनीता सिंह न्यू हैदराबाद लखनऊ (उत्तरप्रदेश) ******************** सजी अयोध्या आज ख़ुशियाँ मनाओ रे जन्मे आनंद धन राम मंगल गाओ रे ख़ुशियाँ मनाओ री, मंगल गाओ रे प्रगटे दीन दयाल, ख़ुशियाँ मनाओ रे शुक्ल पक्ष मधु मास पुनीता नौमी तिथि सब विधि अनुकूला जनम लिए करतार, जग सुख दायी रे रानी कौशल्या बलि बलि जायें लालन देखि परम सुख पायी अनुपम रूप निहार, मन हर्षाई रे दशरथ के द्वारे बाजे रे बधाई अन्न धन सोना मोहर लुटाई घर-घर मंगल चार, दीप जलाओ रे राम लला के दर्शन कर लो पग पंकज पर शीश नवा लो पावन है इनका नाम, पल-पल ध्याओ रे परिचय :- प्रो. डॉ. विनीता सिंह निवासी : न्यू हैदराबाद लखनऊ (उत्तरप्रदेश) व्यवसाय : नेत्र विशेषज्ञ सेवा निवृत, भूतपूर्व विभागाध्यक्ष नेत्र विभाग, के.जी.एम.यू. लखनऊ अन्य गतिविधियां : १. भजन एवं गीत गायन के लिए आकाशवाणी लखनऊ से मान्यत...
महाकुंभ महिमा
गीत

महाकुंभ महिमा

प्रो. डॉ. विनीता सिंह न्यू हैदराबाद लखनऊ (उत्तरप्रदेश) ******************** गंगा जमुना और सरस्वती तीनों हैं इक साथ में तीनों नदियों का संगम है तीर्थ राज प्रयाग में १. उज्जवल श्यामल पानी मिलकर बहे निर्मल जल धारा कण -कण में है इसके अमृत, कितनों को है तारा ब्रह्मा-शिव का तेज समाया इस निर्मल जल धार में २.इस तीर्थ महिमा की गाथा वेदों ने है गायी यहाँ ऋषि और मुनियों ने हैं कितनी सिद्धियाँ पायीं ज्ञान मिले अध्यात्म जगे संगम के पुण्य प्रताप में ३. भारद्वाज मुनि का आश्रम यहाँ प्रभु राम जी आए थे माता सीता और लक्ष्मण संग में आशीष पाए थे प्रभु राम ने चरण पखारे इस निर्मल जल धार में ४. दरस परस कर महाकुंभ में पुण्य प्रताप जगा लो पावन इस जल की धारा में मन का मैल मिटा लो पाप कटे संताप मिटे इस पावन जल की धार में परिचय :- प्रो. डॉ. विनीता सिंह निवासी : न्यू हैदराबाद लखनऊ (उ...
विनय
भजन

विनय

प्रो. डॉ. विनीता सिंह न्यू हैदराबाद लखनऊ (उत्तरप्रदेश) ******************** सत्ता तुम्हारी भगवन जग में समा रही है तेरी दया सुदृष्टि सृष्टि सजा रही है रवि चंद्र और तारे तूने सभी बनाए विस्तृत वसुंधरा पर सागर भी हैं बहाए जिनकी सतह हैं सुंदर मोतियों से सजाये (२) इन सब में ज्योति तेरी इक जग मगा रही है सुंदर सुगन्ध वाले फूलों में रंग तेरा पशु पक्षी चर अचर में कण कण में रूप तेरा हे ब्रह्म विश्व कर्ता वर्णन हो तेरा कैसे (२) हर कृति झलक तेरी तेरा करतब दिखा रही है भक्ति तुम्हारी भगवन क्यों कर हमें मिलेगी तेरी रची जो माया पल पल हमें ठगेगी तेरी चरण शरण हैं तुमसे यही विनय है (२) हो दूर यह अविद्या जग भ्रम बढ़ा रही है परिचय :- प्रो. डॉ. विनीता सिंह निवासी : न्यू हैदराबाद लखनऊ (उत्तरप्रदेश) व्यवसाय : नेत्र विशेषज्ञ सेवा निवृत, भूतपूर्व विभागाध्यक्ष नेत्र विभाग, के....