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Tag: प्रीतम कुमार साहू

वक़्त की गाड़ी
कविता

वक़्त की गाड़ी

प्रीतम कुमार साहू लिमतरा, धमतरी (छत्तीसगढ़) ******************** वक़्त की गाड़ी है वक़्त के  साथ चलेगा ! उगता हुआ सूरज भी शाम को   ढलेगा !! ज़ख्म है जिस्म में तो मल हम भी मिलेगा ! आज है ख़ुशी तो  कल गम भी मिलेगा  !! बागों में कलिया है तो फूल भी खिलेगा ! महकेगा चमन तो कभी कांटे भी चुभेगा !! कभी जीत मिलेगा तो कभी हार मिलेगा ! कभी पतझड़ मिलेगा तो कभी बहार मिलेगा !! कर रहे हो  मेहनत  तो  फल भी मिलेगा ! दुनिया में हर समस्या का हल भी मिलेगा !! थक कर ना बैठ ऐ मंजिल के मुसाफिर ! आज नहीं तो कल  मंजिल  भी  मिलेगा !! परिचय :- प्रीतम कुमार साहू (शिक्षक) निवासी : ग्राम-लिमतरा, जिला-धमतरी (छत्तीसगढ़)। घोषणा पत्र : मेरे द्वारा यह प्रमाणित किया जाता है कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है। आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक ...
करना है मुहब्बत तो …
कविता

करना है मुहब्बत तो …

प्रीतम कुमार साहू लिमतरा, धमतरी (छत्तीसगढ़) ******************** करना है मुहब्बत तो वतन से करो यारों माशूका के मुहब्बत में, रखा ही क्या है..!! देकर छणिक सुख लूट लेगी तेरी खुशियाँ मिलेगा गम, तड़प, कशिश, ताउम्र मेरे यारों..!! इश्क में दिल तोड़ने की फितरत है उनकी टूट जाए गर दिल तो गम ना करना यारों..!! करना है मुहब्बत तो वतन से करो यारों…. करेंगे लाख वादे साथ जीने मरने की ताउम्र वादे से मुकरने की पुरानी फितरत है यारो..!! ना कर मोहब्बत उनसे कदर न कर पाएगी साथ तेरा छोड़ गैर को गले लगाएगी यारों..!! करना है मुहब्बत तो वतन से करो यारों…. इश्क में तुम्हें करके बर्बाद,खुद आबाद रहेगी बना के तुम्हें इश्क में गुलाम आजाद रहेगी..!! ना अपनायेगी तुझे तेरी दौलत खोने के बाद थाम लेगी दामन किसी दौलतमंद का यारो..!! करना है मोहब्बत तो वतन से करो यारों…. कत्ल तेरा करके इल्जाम तुम...
बेटा-बेटी दोनों समान
कविता

बेटा-बेटी दोनों समान

प्रीतम कुमार साहू लिमतरा, धमतरी (छत्तीसगढ़) ******************** खुदा ने तो इंसान बनाया इसमें न तुम मतभेद करो बेटा बेटी है दोनों समान इसमें न तुम भेद करो जीस राह पे रख सकते हैं बेटा अपनी पहली कदम उसी राह पर रख सकते हैं बेटियां भी दमदार कदम बेटियां है संतान खुदा की कमजोर क्यों समझते हो बेटों को तुम आजादी देते बेटियों का हक़ छिनते हो आये ना कुछ काम बेटियां यह सोच अब बदलना है मैदान ए जंग में बेटियां भी बेटों के संग अब लडता है संघर्ष के हर पथ पर देखो बेटों ने कई जख्म खाएं हैं इतिहास गवाह देता है देखो बेटियां भी तलवार उठाए है परिचय :- प्रीतम कुमार साहू (शिक्षक) निवासी : ग्राम-लिमतरा, जिला-धमतरी (छत्तीसगढ़)। घोषणा पत्र : मेरे द्वारा यह प्रमाणित किया जाता है कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है। आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आद...
किस्मत के भरोसे मत बैठो
कविता

किस्मत के भरोसे मत बैठो

प्रीतम कुमार साहू लिमतरा, धमतरी (छत्तीसगढ़) ******************** जीवन पथ पर लड़ सकते हो आगे तुम भी बढ़ सकते हो त्याग दो आलस का दामन किस्मत के भरोसे मत बैठो….!!! मिला नहीं उसे ला सकते हो श्रम कर आगे बढ़ सकते हो जो चाहो तुम पा सकते हो किस्मत के भरोसे मत बैठो…...!! रगो में साहस भर सकते हो मुसीबतों से लड़ सकते हो दौड़ नहीं तो चल सकते हो किस्मत के भरोसे मत बैठो….!! सूरज सा निकल सकते हो लक्ष्य हासिल कर सकते हो इतिहास नया तुम गड़ सकते हो किस्मत के भरोसे मत बैठो….!! परिचय :- प्रीतम कुमार साहू (शिक्षक) निवासी : ग्राम-लिमतरा, जिला-धमतरी (छत्तीसगढ़)। घोषणा पत्र : मेरे द्वारा यह प्रमाणित किया जाता है कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है। आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशित कर...