चाय
नीलेश व्यास
इन्दौर (मध्य प्रदेश)
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कोरे पन्नो के
केनवास पर
शब्दों के
चित्र बनाता हूँ,
जी हाँ मै भी
चाय बनाता हूँ,
लिखने से पहिले,
सोचने से पहिले,
साहित्य सिद्धि के
शब्द मंत्रों को
गढ़ने से पहिले,
जी हाँ मै भी
चाय बनाता हूँ,
सुबह-सुबह
मजदूरी पर
निकलने से पहिले,
स्कूल लगने की
घंटी से पहिले,
फेक्ट्री जाने से पहिले,
व्यापार के
मुहूर्त से पहिले,
संसद जाने से पहिले,
भक्ति में डूब
जाने से पहिले,
जी हाँ मै भी
चाय बनाता हूँ,
मेहमानों के
जाने से पहिले,
आश्रमों में
आशीर्वाद के पहिले,
शुभ काम
करने से पहिले,
जी हाँ मै भी
चाय बनाता हूँ,
तीर्थ यात्रा में,
शवयात्रा में,
जीवन यात्रा में,
राष्ट्र सेवा में,
कभी-कभी
भूख मिटाने को,
जी हाँ मै भी
चाय बनाता हूँ,
यह चाय केवल
चाय नही,
यह धर्मों से ऊपर,
भावनाओं से ऊपर,
कभी-कभी मानव को
मानव से...