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Tag: नीलम तोलानी

उन्नति का पथ
कविता

उन्नति का पथ

नीलम तोलानी इंदौर (मध्य प्रदेश) ******************** उन्नति का पथ, शायद वृत्ताकार या शायद त्रिभुज जैसा होता है। जितनी तेजी से आगे बढ़ो, उतनी ही तेजी से, लौट आना होता है। उत्कर्षो का सुख होता है... अनित्य! हर बार एक नूतन उड़ान, एक नव संघर्ष, एक नए आकाश की खोज, रुकने नही देती कहीं... तृष्णा के बीज पनपते है... निरंतर... चित्त भीतर... अनेक जीवन और अनेक मृत्यु के बीच.. संतुष्टि विकलती है, अनुकूल मिट्टी और मन के मौसम को, शायद कोई बुद्ध, शायद कोई कबीर, कोई यीशु या राम मिले.. कि चेतना अग्रसर हो.. एकांगी निर्वाण पथ पर.. शायद कभी... परिचय :- नीलम तोलानी निवासी : इंदौर मध्य प्रदेश घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है। आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपन...
गणित मां पापा का
लघुकथा

गणित मां पापा का

नीलम तोलानी इंदौर (मध्य प्रदेश) ******************** (रात दस बजे का वक्त सोने की तैयारी) नवल अपनी पत्नी सोनिया का हाथ पकड़कर.. नवल : सोनू तुम बहुत अच्छी हो, तुम्हें पाकर मैं धन्य हो गया। आज तुम ना होती, तो ना मैं बीमार मां को गांव से ला पाता ना वो इतनी जल्दी स्वस्थ हो पाती। घर, नौकरी, मां, सब कुछ कितनी अच्छी तरह संभालती हो तुम। सोनिया : वह मेरी भी तो मां है नवल, क्यों ऐसा बोल रहे हो? नवल : थैंक यू सोनिया!! सोनिया : सुनो एक बात कहनी थी, नवल : बोलो ना प्लीज.. सोनिया : तुम तो जानते हो, मैं अपने मम्मी पापा की इकलौती संतान हूं, पापा के जाने के बाद मम्मी बहुत अकेली हो गई है। फिर उम्र का भी तकाजा है। क्यों ना हम उन्हें यहां ले आए, उनका भी मन लग जाएगा। नवल : सोनू यार! कैसी बात कर रही हो? दामाद के घर जाकर भी कोई रहता है क्या? फिर हमारा रूटीन भी डिस्टर्ब होगा... उन्हें कहना कभी-कभी यहां आ जाया ...
राधा
छंद, धनाक्षरी

राधा

नीलम तोलानी इंदौर (मध्य प्रदेश) ******************** अखियाँ ये द्रोह करे, अब न किसी को देखें, कृष्ण की ही माला जपे, छवि मन भायी है। राधा मैं शरीर नहीं, प्राण में हूँ तेरे बसी, श्वास श्वास आस रहे, प्रेम ऋतु आयी है। नित दौड़ी दौड़ी आऊँ, बस में न चित रहा, मुरली की धुन कान्हा, बड़ी सुखदायी है। छुप छुप रास करें, झूमे यमुना के तीर, चैन मेरा सब गया, तू ही हरजायी है। परिचय :- नीलम तोलानी निवासी : इंदौर मध्य प्रदेश घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है। आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजि...