Friday, November 22राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

Tag: धैर्यशील येवले

जामुन का वृक्ष
कविता

जामुन का वृक्ष

धैर्यशील येवले इंदौर (म.प्र.) ******************** मेरे घर के आंगन में लगा नन्हा सा जामुन का पौधा बाल अवस्था में तेज बारिश व हवा से डर जाता था तीखी धूप में सहमा सहमा रहता था। धीरे धीरे वो किशोर हुआ कुछ अनाड़ी, अल्हड़ सा हवा के साथ नाचने लगा बारिश के साथ झूमने लगा तपते सूरज का मुंह चिढ़ाने लगा अब तो वो युवा हो कर ढिड सा घर की खिड़कियों से भीतर झांकने लगा है, अपनी शाखों से दरवाज़े पर दस्तक देता है, दरवाज़ा खोलते ही अपनी पत्तियों से गालों को छू कर मंद मंद मुस्कुराता है, अपनी पीठ पीछे रसीले फल व सुन्दर पक्षियों की भेंट छुपा कर। . परिचय :- नाम : धैर्यशील येवले जन्म : ३१ अगस्त १९६३ शिक्षा : एम कॉम सेवासदन महाविद्याल बुरहानपुर म. प्र. से सम्प्रति : १९८७ बैच के सीधी भर्ती के पुलिस उप निरीक्षक वर्तमान में पुलिस निरीक्षक के पद पर पीटीसी इंदौर में पदस्थ। आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हि...
शरणागत
कविता

शरणागत

धैर्यशील येवले इंदौर (म.प्र.) ******************** मेरे पापो का हो शमन मेरे दंभ का हो दमन भीतर ही भीतर लड़ रहा हूँ मदद करो हे परमपिता ।। ज्ञान के भरम में स्वार्थ के करम में तिनका तिनका बिखर रहा हूँ मदद करो हे परमपिता ।। क्रोधाग्नि में जला हूँ कुमार्ग पर चला हूँ अब प्रायश्चित कर रहा हूँ मदद करो हे परमपिता ।। करुणा जगा कर अश्रुओं से भिगा कर ताप, तमस धो रहा हूँ मदद करो हे परमपिता ।। नश्वर था, अमर समझ बैठा चाकर था, ईश्वर समझ बैठा जीवन तुझे अर्पित कर रहा हूँ मदद करो हे परमपिता ।। . परिचय :- नाम : धैर्यशील येवले जन्म : ३१ अगस्त १९६३ शिक्षा : एम कॉम सेवासदन महाविद्याल बुरहानपुर म. प्र. से सम्प्रति : १९८७ बैच के सीधी भर्ती के पुलिस उप निरीक्षक वर्तमान में पुलिस निरीक्षक के पद पर पीटीसी इंदौर में पदस्थ। आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ...
पागल
कविता

पागल

धैर्यशील येवले इंदौर (म.प्र.) ******************** हर पल मुस्कुराता गुनगुनाता लोगो ने कहा पागल है राह के कंकर पत्थर बिनता लोगो ने कहा पागल है भरी धूप में पौधों को सींचता लोगो ने कहा पागल है अपना खाना कुत्ते को खिलाता लोगो ने कहा पागल है आते जातो को नमस्कार करता लोगो ने कहा पागल है रातो में जागता सिटी बजाता लोगो ने कहा पागल है बुजुर्गों को हँसाता सहारा देता लोगो ने कहा पागल है बच्चों के साथ नाचता कूदता लोगो ने कहा पागल है हर एक खुशी में शरीक हो जाता लोगो ने कहा पागल है अर्थी पीछे गुमसुम मरघट जाता लोगो ने कहा पगला है मंदिर, मस्जिद, चर्च घूम आता लोगो ने कहा पागल है . परिचय :- नाम : धैर्यशील येवले जन्म : ३१ अगस्त १९६३ शिक्षा : एम कॉम सेवासदन महाविद्याल बुरहानपुर म. प्र. से सम्प्रति : १९८७ बैच के सीधी भर्ती के पुलिस उप निरीक्षक वर्तमान में पुलिस निरीक्षक के पद पर पीटीसी इंदौर में...
वो लड़की
कविता

वो लड़की

धैर्यशील येवले इंदौर (म.प्र.) ******************** ये कविता मैंने झाबुआ के राजनैतिक, सामाजिक, पृष्ठभूमि को केंद्र में रख लिखी है, वनवासी जनो के दोहन, शोषण, सरलता, सपने, कुरीतियों को शब्दों में पिरोया गया है, कृपया ध्यान से पढ़ कविता के मर्म महसूस करे, कविता की नायिका १६,१७ साल की नवोढ़ा है ... टूटी हुई खपरैल की छत से आती सूरज की रोशनी देख पट रहित दरवाज़े से बाहर आकर ,चारो तरफ देख धूप अभी गर्म नही हुई सोचती है, वो लड़की। बदरंग होते मटके के पेंदे में कपड़े की चिन्धी को ठूस छिद्र बंद कर, हैंड पम्प के नीचे रख बारम्बार हत्थे को चलाने पर पानी की एक बूंद नही निकली वोट मांगने वाले बाबा जैसे हो गया है हैंड पंम्प जो बरसात में ही पानी देता है। सोचती है वो लड़की। तीन हफ्ते पश्चयात स्कूल में मास्टरनी बाई आई थी दलिया अच्छा बना था उसमे तेल और गुड़ मिला होता तो और मजा आता सोचती है, वो लड़की। कल गाँव मे ...