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Tag: धीरेन्द्र पांचाल

प्यार के किस्से
कविता

प्यार के किस्से

धीरेन्द्र पांचाल वाराणसी, (उत्तर प्रदेश) ******************** मिले थे कल जो तुमसे हम, उसी बाजार के किस्से। लिखूंगा आज कागज पर, हमारे प्यार के किस्से। पलटकर देखता था मैं, इरादे नेक थे अपने। थोड़ी शैतानियां भी थी, थोड़े एहसास थे अपने। तलाशा अंजुमन में भी, तेरे दीदार के किस्से। लिखूंगा आज कागज पर, हमारे प्यार के किस्से। हसरतें मिटती कहाँ थीं, मामला तब दिल का था। बोतलें टिकती कहाँ थीं, कश्मकश महफ़िल में था। कह रहा था नाव से मझधार के किस्से। लिखूंगा आज कागज पर, हमारे प्यार के किस्से। तड़पना लाजमी था पर, मुझे मालूम था इतना। सफर कांटों का भी होगा, गुलाबों का जतन जितना। तबियत से लिखूंगा मैं तेरे रुख़सार के किस्से। लिखूंगा आज कागज पर, हमारे प्यार के किस्से। परिचय :- धीरेन्द्र पांचाल निवासी : चन्दौली, वाराणसी, उत्तर प्रदेश घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक ...
मेरे बेटे ने
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मेरे बेटे ने

धीरेन्द्र पांचाल वाराणसी, (उत्तर प्रदेश) ******************** छोड़ दिया है दामन मेरा मेरे बेटे ने। दूर हो जाओ दोनों बोला मेरे बेटे ने। जिसको राजा बेटा कहकर रोज बुलाते थे। जिसका सर सहलाकर पूरी रात सुलाते थे। क्यों इतना कड़वा बोल दिया है मेरे खोटे ने। दूर हो जाओ दोनों बोला मेरे बेटे ने। गिरवी मेरे सपने मेरी इच्छाएं लाचार थी। उसकी दुनिया लगती मुझको मेरा ही आकार थी। कैसे धक्के मारे मुझको मेरे छोटे ने। दूर हो जाओ दोनों बोला मेरे बेटे ने। क्या करुणा का सागर उसका सुख गया होगा। बूढ़े कन्धों से उसका मन ऊब गया होगा। गले लगा ले माँ बोली ना समझा बेटे ने। दूर हो जाओ दोनों बोला मेरे बेटे ने। डर लगता है यहाँ पराये होंगे कैसे कैसे। घर ले चल तू मुझको मैं रह लुंगी जैसे तैसे। एक बार ना पीछे मुड़कर देखा बेटे ने। दूर हो जाओ दोनों बोला मेरे बेटे ने। सुखी अंतड़ियों की खातिर अब दो रोटी भी भारी है। जिसने उसको...
बेरोजगारी
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बेरोजगारी

धीरेन्द्र पांचाल वाराणसी, (उत्तर प्रदेश) ******************** बिगड़े ना बोल नाही अइसे दबेरा। मोदी जी आँख तनी हमनी पे फेरा। हमरा के चाही नाही मेवा मलाई। नोकरी के आस प्यास देता बुझाई। जिनगी के खोल जनि अइसे उकेरा। मोदी जी आँख तनी हमनी पे फेरा। बीतता उमिर अब पाकता डाढ़ी। रोईं अकेले बन्द कइके केवाड़ी। नइया उमिरिया के मारे हिलकोरा। मोदी जी आँख तनी हमनी पे फेरा। मुहर हव लाग गइल देहियाँ पे भारी। लम्पट आवारा सभे बुझे अनारी। जुआ ना दारू नाही गांजा क डेरा। मोदी जी आँख तनी हमनी पे फेरा। रोटी ना भात रात कइसे बिताईं। छोटकी बेमार बिया कइसे सुताईं। गऊवां के लोग कहें हम्मे लखेरा। मोदी जी आँख तनी हमनी पे फेरा। माई के सस्ता दवाई उधारी। ओहु पे चल रहल रउआ के आरी। मछरी के अस कस नाहीं दरेरा। मोदी जी आँख तनी हमनी पे फेरा। परिचय :- धीरेन्द्र पांचाल निवासी : चन्दौली, वाराणसी, उत्तर प्रदेश घोषणा पत्र : मैं ...
इश्क़ करना नहीं
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इश्क़ करना नहीं

धीरेन्द्र पांचाल वाराणसी, (उत्तर प्रदेश) ******************** इश्क़ पर तुम किताबें लिखे जा रहे हो। मशवरा है मेरा इश्क़ करना नहीं। दर्द कागज पे अपने लिखे जा रहे हो। मशवरा है मेरा दर्द कहना नहीं। मुस्कुराने की उनकी अदब देखिए तो। देखकर यूँ ही खुद से फिसलना नहीं। लाख कह लें तुम्हें , तुम हो मेरे लिए। मुस्कुराकर कभी सर झुकाना नहीं। चाँद तारों की बातें वो बेशक करें। अपने अंजुली पे सूरज उठाना नहीं। हमसफ़र हैं वो बस कुछ सफर के लिए। हर सफर अपने दिल को जलाना नहीं। बह रही है हवा मौसमी चारों ओर। इन हवा में दुपट्टा उड़ाना नहीं। हैं फिसलती निगाहें जमीं पे यहाँ। पांव कीचड़ से अपने सजाना नहीं। जब भी बारिश की बूंदे भींगाए तुम्हें। रो कर आँखों का पानी छिपाना नहीं। हो मोहब्बत तनिक इस धरा से तुम्हें। कड़कड़ाती बिजलियाँ गिराना नहीं। भेजता हूँ बता क्या रजा है तेरी। चिट्ठियों का भी अब तो जमाना नहीं। तोड़ दो तुम...
राणा का शौर्य
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राणा का शौर्य

धीरेन्द्र पांचाल वाराणसी, (उत्तर प्रदेश) ******************** अकबर हुआ दुलारों में। हैं राणा खड़े क़तारों में। हम पढ़ते हैं बाज़ारों में। कुछ बिके हुए अख़बारों में। ये जाहिल हमें सिखाते हैं। शक्ति का भान कराते हैं। अकबर महान बताते हैं। राणा का शौर्य छिपाते हैं। कुछ मातृभूमि कोहिनूर हुए। जो मेवाड़ी शमशिर हुए। वो रण में जब गम्भीर हुए। तब धरा तुष्ट बलबीर हुए। अरियों की सेना काँप गई। जब राणा शक्ति भाँप गई। भाले की ताक़त नाप गई। अरि गर्दन भी तब हाँफ गई। कुछ दो धारी तलवारों में। था चेतक उन हथियारों में। वो जलता था प्रतिकारों में। उन मेवाड़ी अधिकारों में। हाथ जोड़ यमदुत खड़ा था। दृश्य देख अभिभूत पड़ा था। मेवाड़ी बन ढाल लड़ा था। चेतक बनकर काल खड़ा था। राजपूताना शमशिरों का, जब पूरा प्रतिकार हुआ। तब तब भारत की डेहरी पर, भगवा का अधिकार हुआ। परिचय :- धीरेन्द्र पांचाल निवासी : चन्दौली, वार...