Monday, December 23राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

Tag: दीपक कुमार दिवाकर

आखरी चाय
कहानी

आखरी चाय

 दीपक कुमार दिवाकर मधेपुरा (बिहार) ******************** आज सुबह सुबह मोहल्ले के लोग अपनी-अपनी बालकनियों से चेहरे पर उदासी और दिलो में डर लिए बस राजीव के दरवाजे की तरफ नज़र टिकाये हुए उस एम्बुलेंस को देख रहे थे, जिसमे राजीव को बिठाया जा रहा था। उसने अपने पत्नी रीमा की और देखते हुए कहा क्या तुम फिर से अपनी हाथो की चाय पिलाओगी ना? यह पूछते वक़्त उसकी लाल खुश्क आंखों पे आंसू थे,शायद उनकी आंखों की उम्मीदे टूटती हुई नजर आ रही हो। दिलासा देते हुए रीमा कहती हैं, "हाँ राजीव हम फिर से साथ बैठकर चाय पियेंगे" ये कहते हुए मानो उनका दिल बैठा जा रहा हो। तभी पीपीइ किट पहने हुए चिकित्साकर्मी एम्बुलेंस का दरवाजा बंद कर अस्पताल की ओर चल पड़े। तीव्र ज्वर से तड़पते राजीव की साँसें उखड़ सी रहीं थी, ऑक्सिजन नली के सहारे मिल रही उधार की साँसों ने मानो उसका जीवन कुछ पल के लिये थाम रखा हो। उधर दूसरी ...