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Tag: तुकाराम पुंडलिक खिल्लारे

व्याकुल नर
हाइकू

व्याकुल नर

तुकाराम पुंडलिक खिल्लारे परभणी (महाराष्ट्र) ******************** व्याकुल नर - उजड़ी शाख पर गिरते पर हुई सुबह - रातरानी की गंध चूसती धूप चारसू फैला कोहरा ही कोहरा - सवेरा गिला रंग होली का - मकान में बिखरा गंध कितना दानापानी ले पंछी घोंसले लौटा - चूजे गायब निर्जन ताल पंछी स्नान करते - फूल गिरते वर्षा में धूप - चला रहा मनुष्य इंद्रधनुष्य लो लौट आयी गरीब की खुशीयाँ - बासी रोटीयाँ सो गई रात - चुलबुलाते पत्ते चाँद का पाँव लाॅकडाऊन - सडक पर आये वन के जीव शिशू का स्पर्श जाग उठी ममता - सँभाले आँसू परिचय :-  तुकाराम पुंडलिक खिल्लारे निवासी : लोकमान्य नगर, परभणी (महाराष्ट्र) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है। आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्ष...