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Tag: डॉ. पवन मकवाना (हिंदी रक्षक)

मौसम
कविता

मौसम

डॉ. पवन मकवाना (हिंदी रक्षक)  इन्दौर (मध्य प्रदेश) ******************** यूँ चाहे जब ना चले आया करो मौसम ... यूँ उनकी याद ना दिलाया करो मौसम ... रूठा हो जब यूँ दिलबर हमसे यूँ आकर ना हमको सताया करो मौसम ... गर आना हो जो मज़बूरी तुम्हारी आकर पहले हौले से हमें बताया करो मौसम ... तुम जब आते हो तो याद करते हैं हम उन्हें हम कितना यह बात उन्हें भी तो बताया करो मौसम ... याद में जो उनकी हम गाते हैं नगमें करीब जाकर उनको भी सुनाया करो मौसम ... चाहते हैं हम उन्हें कितना ना मानेगें वो कभी तुम्हीं जाकर उन्हें प्यार जताया करो मौसम ... प्यार के दीप से ही है रोशन दुनिया मेरी उनके दिल में भी इक दीप जलाया करो मौसम ... परिचय : डॉ. पवन मकवाना (हिन्दी रक्षक) निवासी : इंदौर मध्य प्रदेश सम्प्रति : स्वतंत्र पत्रकार व व्यावसाइक छायाचित्रकार संस्थापक : राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मं...
एकांतवास
लघुकथा

एकांतवास

डॉ. पवन मकवाना (हिंदी रक्षक)  इन्दौर (मध्य प्रदेश) ******************** वृद्धाश्रम में आज कोरोना की जांच करने के लिए सरकारी अस्पताल से डॉक्टर और नर्स आये हुए थे सभी वृद्धजन कतार में खड़े अपनी बारी की प्रतीक्षा कर रहे थे ... बाबा आपका नाम क्या है ... नर्स सभी के नाम पूछती जाती... व आधार कार्ड देखने के बाद उन्हें सुई (कोरोना का टीका) लगा देती... दिन भर यही क्रम चलता रहा शाम के ५ बज चुके थे डॉक्टर और नर्स जाने के लिए सामान समेटने लगे.... तभी कमर झुकाये लाठी के सहारे चलते हुए एक बूढी अम्मा आई और नर्स से पूछा- मैंने सूना है की एकांतवास (कोरेन्टाइन) में रहने से कोरोना पास नहीं आता है... ? नर्स बोली- जी सही कहा आपने ... बूढी अम्मा पलटकर जाने लगी तभी नर्स ने कहा अम्मा सुई (टीका) तो लगवाती जाओ ...!! अम्मा ने पलटकर देखा और धीरे से बुदबुदाई ... मुझे नहीं लगवाना टीका वीका २० बरस से मैं अपने परिवा...