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Tag: डाॅ. राज सेन

डर फिर से लोक डाउन का
कविता

डर फिर से लोक डाउन का

डाॅ. राज सेन भीलवाड़ा (राजस्थान) ******************** कैसे सो जाऎं साहब हम निश्चिंत होकर सुकून से क्या बताऎं किस दौर से गुजर रही हैं जिन्दगी हमारी रोज तड़के इस आस में पहुँच जाते हैं चौराहे पर नुमाइश करते हैं दिखते तन और अदृश्य मन की पर कहाँ आता हम सबके हिस्से में रोज काम कल के लिए आस लगाकर बैठजाते हैं दोपहर बाद किसी छाँव तले चाय शाय के लिए हम में से कुछ जोखिमदार अपनी गाढ़ी पूँजी से एक थड़ी या फिर थैला चलाते हैं जानते है अभी परिस्थितियों के प्रश्न सामने आ रहे हैं और शायद हमें लगता है अक्सर हम कम पढ़े लिखे या अनपढों के सामने हम कामगार मजदूरों के सामने जिन्दगी कठिन प्रश्न ही लाती हैं बिना किसी सामयिक नियम का पालन किये और अक्सर रोजी रोटी का प्रश्न तो छूट ही जाता है बहुत कोशिश के बाद भी हम इसका जवाब लिख ही नहीं पाते फिर भी पाठ्यक्रम से बाहर के प्रश्न भी ले आती है जिन्दगी जाने क्यों और लोक डाउन ...
खटखटाने दो
कविता

खटखटाने दो

डाॅ. राज सेन भीलवाड़ा (राजस्थान) ******************** खटखटाने दो द्वार दुःखो को हम खुशियों में चूर रहे। व्यस्त रहकर सदा सद् कर्मों में हम बुराइयों से दूर रहे।। ईश्वर देखकर लिख रहा हरपल कर्मों का खाता हमारा जरूरी नहीं कि हम दुनिया के दिलों में भी मशहूर रहे। चल रहे हैं यदि सबसे अलग हटकर सद् मार्ग में हम तो मिलेगा कम औरों से पर होगा सुखद याद ये जरूर रहे। सौंप दिया जब स्वयं को प्यारे प्रभु के हाथों में विश्वास कर तो उसके दिये फूल और हमारे उगाऎ काँटें मंजूर रहे। बदला न लें बदल कर दिखाऎं‌ अंश मात्र भी जो बुरा है किसी का किरदार ही बुरा हैं तो हम भी क्यों क्रूर रहे। ना रख उम्मीद जमीं के रहने वालों से स्वर्गिक सुख लेने की उड़े हल्का होकर दिव्य गुणों की खुशबू से भरपूर रहे। रहना हैं तो 'राज़' खुशियाँ बाँटे बस यही राह श्रेष्ठ है दुःख देने वाले को भी दे दुआ हमारा तो यही दस्तूर रहे।। परिचय : डाॅ. राज...
जीवन जीना एक कला है
कविता

जीवन जीना एक कला है

डाॅ. राज सेन भीलवाड़ा (राजस्थान) ******************** अनवरत पथ पे जो चला है। जीवन जीना एक कला है।। रास्ते हैं बाधा आएगी जरूर। रहे हर हाल में खुशी भरपूर।। हौसलों से हर संकट टला है। जीवन जीना एक कला है।। अच्छे के साथ अच्छा रहना। बुरे का भी हर बर्ताव सहना।। माफ करें जिसने भी छला है। जीवन जीना एक कला है।। जीवन नाटक हम कलाकार हैं। निभायें जो भी मिला किरदार है।। ना कोई बुरा ना कोई भला है। जीवन जीना एक कला है।। सबकी अपनी अपनी कहानी। कहीं आग है तो कहीं है पानी।। वक्त आने पे टलती हर बला है। जीवन जीना एक कला है।। 'राज' खुश रहकर चलता चल। दिव्य ज्योति बनकर सदा जल।। प्रभु-प्रेम की पलकों में पला है। जीवन जीना एक कला है।। परिचय : डाॅ. राज सेन शिक्षा : नेट, विद्यावाचस्पति, तीन भाषाओं सहित चार विषयों में स्नातकोत्तर, अन्तर्राष्ट्रीय-राष्ट्रीय स्तर पर संत काव्य की पवित्रता के पक्षधर, सम्प्रति :...