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Tag: डाॅ. कृष्णा जोशी

परम पिता
कविता

परम पिता

डाॅ. कृष्णा जोशी इन्दौर (मध्यप्रदेश) ******************** पिता है जनक हमारे जननी है प्यारी मां। यही है दुनिया हमारी अवतारिणी है मां।। पिता की आंख है प्रगति बच्चों के वास्ते। पिता ही बनाते सरल सुगम रास्ते।। पिता के सिवाय हितेषी कोई नहीं हमारा। सारे जहां से अच्छा परम पिता सहारा।। पिता की दिव्यता से, प्रकाशित हुए हैं हम। पिता की पूर्णता से है श्रेष्ठ हर कर्म।। पिता से मार्ग पाया जीवन का श्रेष्ठमयी। पिता की श्रेष्ठता से विशेषता पायी कयी।। पावन पूनित पिता का होना जीवन की श्रेष्ठता हैं। कर्तव्यनिष्ठता से पिता की महानता हैं। आरोग्यता मिली है पिता की वजह से हमें निष्काम भाव की शुद्धता हैं।। पिता की आराधना जो कोई करें कृष्णा। उस मानव की पिता पूर्ण करें सारी तृष्णा।। परिचय :- डाॅ. कृष्णा जोशी निवासी : इन्दौर (मध्यप्रदेश) रुचि : साहित्यिक, सामाजिक सांस्कृत...
करें वृक्षों का गुणगान
कविता

करें वृक्षों का गुणगान

डाॅ. कृष्णा जोशी इन्दौर (मध्यप्रदेश) ******************** पीपल, बरगद, नीम तुलसी, वृक्ष बड़े हैं महान्। इनके अद्भुत गुणों को, अब मानव ले पहचान।। पूज्यनीय हैं वृक्ष धरा पर, है सौंदर्य बढ़ाते। रोगनाशक, अविरत गुण, वृक्षों में पाए जाते।। इन वृक्षों का पूजन करें, श्रद्धा से धरे ध्यान। ब्रह्माण्ड के सारे देव इनमें, वृक्ष बड़े महान्।। वृक्ष को जल देना नित, सारे जग के वासी। संकट सारे दूर करेंगे बात बहुत है साची।। सकल संसार में, वृक्ष सौन्दर्य का है भण्डार। "कृष्णा" कहें जीवनदाता, वृक्ष धरा पर उपहार।। गुणों से भरपूर वृक्ष, इनकी महानता को पहचान। वृक्ष लगाएं हर एक मानव, इनका करें क्या बखान ।। निस्वार्थ भाव से आश्रय देता, कई जीवो का है आवास। सजती संवरती धरा इनसे, वृक्ष में है ईश्वर का निवास।। परिचय :- डाॅ. कृष्णा जोशी निवासी : इन्दौर (मध्यप्रदेश) रुचि : साहित्यि...
मेरी कविता
कविता

मेरी कविता

डाॅ. कृष्णा जोशी इन्दौर (मध्यप्रदेश) ******************** मेरी कविता मेरा सुर और साज है। मेरी कविता में मेरा आवाज है।। मेरी कविता भावों का आधार है। मेरी कविता में इसका विस्तार है।। मेरी कविता बहती आठों याम है। मेरी कविता ईश्वर का पैग़ाम है।। मेरी कविता ही मेरा सम्मान हैं। मेरी कविता गीता और, कुरान है।। मेरी कविता यह वेदों का सार है। मेरी कविता भाषा का विस्तार है।। मेरी कविता ही मेरा श्रृंगार हैं। मेरी कविता में छुपा संसार है। मेरी कविता रंगों की बहार है। मेरी कविता खुशियों की बौछार है। मेरी कविता में सातों स्वर साथ हैं। मेरी कविता यह विश्व विख्यात है।। मेरी कविता सुर, संगम, साज़ है। मेरी कविता में कृष्णा के राज़ है।। मेरी कविता विधाओं का ताज़ है। मेरी कविता में नवरस आगाज़ हैं। परिचय :- डाॅ. कृष्णा जोशी निवासी : इन्दौर (मध्यप्रदेश) रुचि :...
गणतंत्र दिवस
हाइकू

गणतंत्र दिवस

डाॅ. कृष्णा जोशी इन्दौर (मध्यप्रदेश) ******************** भारत देश गणतंत्र दिवस है सभी मनाओ भारत देश गणतंत्र हुआ रे ध्वजा मंगाओ। भारत देश गणतंत्र हुआ रे खुशी मनाओ। भारत देश गणतंत्र हुआ रे ताली बजाओ। भारत देश गणतंत्र हुआ रे लड्डू बटाओ। भारत देश गणतंत्र हुआ रे गीत गाओ रे। परिचय :- डाॅ. कृष्णा जोशी निवासी : इन्दौर (मध्यप्रदेश) रुचि : साहित्यिक, सामाजिक सांस्कृतिक, गतिविधियों में। हिन्द रक्षक एवं अन्य मंचों में सहभागिता। शिक्षा : एम एस सी, (वनस्पति शास्त्र), आई.आई.यू से मानद उपाधि प्राप्त। घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है। आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, ले...
सक्रांति का त्यौहार
कविता

सक्रांति का त्यौहार

डाॅ. कृष्णा जोशी इन्दौर (मध्यप्रदेश) ******************** संक्रांति का त्यौहार संक्रांति का त्यौहार आया, खुशियों की सौगात लाया। उत्तरायण में सूरज आया, तिल-तिल तपिश बढ़ाया। शीतलता हो जाती है कम, सूरज दिखाता अपना दम। गंगा नदी में करते‌ हैं स्नान, असहायों को करते हैं दान। गुण तिल का भोग लगाते, सूर्य देवता को अर्घ चढ़ाते। गुण सी मिठास घुल जाए, जीवन में बहार आ जाए। नभ में फर फर उड़े पतंग, जीवन में तेरे भरा रहे रंग। पतंग की न टूटे कभी डोर, उड़े गगन के अंतिम छोर। किसी की भी न कटे पतंग, कृष्णा रहे अपनों का संग। परिचय :- डाॅ. कृष्णा जोशी निवासी : इन्दौर (मध्यप्रदेश) रुचि : साहित्यिक, सामाजिक सांस्कृतिक, गतिविधियों में। हिन्द रक्षक एवं अन्य मंचों में सहभागिता। शिक्षा : एम एस सी, (वनस्पति शास्त्र), आई.आई.यू से मानद उपाधि प्राप्त। घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती ह...
नज़र
कविता

नज़र

डाॅ. कृष्णा जोशी इन्दौर (मध्यप्रदेश) ******************** नजरों से नजर तुम मिलाते रहो, कुछ सुन लो वचन कुछ सुनाते रहो। अपनों से मिली नफ़रतें है बहुत, गैरों से हस्त भी मिलाते रहो। आया काम नहीं जो कठिन राह में, उनसे भी रिश्तों को निभाते रहो। झुकने दे न मानव कभी शान को, खुद के भी अहम को गिराते रहो। मिटता ही नहीं है अहम पर सदा, तुम मन से वहम को मिटाते रहो। देखो तो उन्हें जो भटकते रहे, भटकों को दिशा सी दिखाते रहो। मिले जो न हो सो सका, गहरी नींद में तुम सुलाते रहो। कभी आप गुनगुनाते रहो, कभी हम मुस्कराते रहे, नज़र ना लगे किसी की किसी को बस सभी सलामत रहो। परिचय :- डाॅ. कृष्णा जोशी निवासी : इन्दौर (मध्यप्रदेश) रुचि : साहित्यिक, सामाजिक सांस्कृतिक, गतिविधियों में। हिन्द रक्षक एवं अन्य मंचों में सहभागिता। शिक्षा : एम एस सी, (वनस्पति शास्त्र), आई.आई.यू से ...
प्यारा भैया
कविता

प्यारा भैया

डाॅ. कृष्णा जोशी इन्दौर (मध्यप्रदेश) ******************** भाई दूज त्योहार है पावन। भाई मेरा बड़ मनभावन।। प्यारा भैया राज दुलारा। सब की आँखो का है तारा।। भैया है लाखों में एक। भाई दूज की रीती नेक।। है अनमोल रत्न ये प्यारा। लगे प्रेम से रिश्ता न्यारा।। भाई दूज की पावन वेला। कभी रहे ना कोई अकेला।। भाई बहन से रौनक जग है। त्योहारों का चमक अलग है।। भाई दूज पावन त्योहार। घर घर हो सुख की बौछार।। भैया की ले रही बलैया। सदा रहे खुश प्यारा भैया।। परिचय :- डाॅ. कृष्णा जोशी निवासी : इन्दौर (मध्यप्रदेश) रुचि : साहित्यिक, सामाजिक सांस्कृतिक, गतिविधियों में। हिन्द रक्षक एवं अन्य मंचों में सहभागिता। शिक्षा : एम एस सी, (वनस्पति शास्त्र), आई.आई.यू से मानद उपाधि प्राप्त। घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है। आप भी अपनी ...
संसार
कविता

संसार

डाॅ. कृष्णा जोशी इन्दौर (मध्यप्रदेश) ******************** क्या खूब बनाया ईश्वर ने संसार। यहाँ करते हम सबसे प्यार।। होकर एक सभी को रहना। नही पराया किसी को कहना।। ईश्वर की रचना है प्यारी। रीति यही सबसे है न्यारी।। हैं सब प्राणी हमको प्यारे। श्रेष्ठ कर्म हो सदा हमारे।। इस संसार में मिल कर रहना। सुख दुख सबको संग में सहना।। आये इस संसार में हम हैं। प्रभु कृपा से कुछ ना गम है।। प्रभु की रचना है यह सुंदर। इस सम और नही कोई दूसर।। इस पर जीना इस पर मरना। उत्तम कर्म हमे है करना।। पाया है संसार में सब कुछ। नही चाहिए और हमे कुछ।। स्वच्छ रहे संसार हमारा। हम सब में हो भाई चारा।। परिचय :- डाॅ. कृष्णा जोशी निवासी : इन्दौर (मध्यप्रदेश) रुचि : साहित्यिक, सामाजिक सांस्कृतिक, गतिविधियों में। हिन्द रक्षक एवं अन्य मंचों में सहभागिता। शिक्षा : एम एस सी, (वनस्प...