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तुम लौट आओगे
कविता

तुम लौट आओगे

********** ज्योति शुक्ला औरैया (उत्तर प्रदेश) ग़म जुदाई के सताएंगे तो तुम लौट आओगे आंख में अश्क आएंगे तो तुम लौट आओगे टूटी नाव के सहारे ना लग पाओगे पार तुम तो लहर संग तूफान आएंगे तो तुम लौट आओगे याद रखना कोई आसान नहीं है जमाने में दर्दे दिल रोज़ सताएंगे तो तुम लौट आओगे। पूंछ-पूंछ कर मेरे बारे में तुम से जमाने के लोग बागवां दिल का जलाएंगे तो तुम लौट आओगे। मुझ से खफा हो के जाने वाले रखना याद ख्वाब मेरे जब आएंगे तो तुम लौट आओगे। . परिचय :- कवयित्री ज्योति शुक्ला का जन्म १५ जुलाई सन् १९८८ को जिला औरैया उत्तर प्रदेश में हुआ। प्रारंभिक शिक्षा औरैया एवं उच्च शिक्षा कानपुर विश्व विद्यालय से प्राप्त किया। ज्योति शुक्ला एक कुशल गृहिणी होने के साथ ही वर्तमान समय में चिकित्सा क्षेत्र में अपनी सेवाएं दे रही हैं।समाजिक विद्रुपताओं, सामाजिक विसंगतियों, मानवीय संवेदना से परिपूर्ण काव्य लेखन के...