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Tag: चेतना सिंह प्रकाश “चितेरी”

गोरैया
कविता

गोरैया

चेतना सिंह प्रकाश "चितेरी" प्रयागराज (उत्तर प्रदेश) ******************** मैं नन्ही-सी जान, ऊंँची है मेरी उड़ान। भला मैं कैसे? थक के हार जाऊंँ, मेरी भी बने पहचान। मेरी भी चाह है! नन्हें-नन्हें कदमों से चलती जाऊंँ, पंख पसारे गगन में उड़ती जाऊंँ। माना कठिन है दौर, कहीं नही है मेरा ठौर, रुकेंगे वहीं पे मेरे कदम, जहांँ में होगा मेरा स्थान। मैं नन्ही-सी जान, चेहरे पर है मुस्कान। परिचय :- चेतना सिंह प्रकाश "चितेरी" निवासी : प्रयागराज (उत्तर प्रदेश) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है। आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कव...