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Tag: किरण पोरवाल

होली में हो ली
कविता

होली में हो ली

किरण पोरवाल सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) ******************** होली में हो ली, कौन किसके साथ हो ली, सास, ससुर के साथ हो ली, जेठानी, जेठ के साथ हो ली, नंदन, नंदोई के साथ हो ली, भाभी, भैया के साथ हो ली देवरानी, देवर के साथ हो ली, और बाकी जिसका मन पड़ा वह उसके साथ हो ली, बचे हम दोनों हम महाकाल की गैर देखने इनके साथ हो ली मिल गए सब महाकाल की गैर में, खुली पोल सबकी, कौन किसके साथ होली में हो ली, कोई ठंडाई, कोई भांग, कोई रगड़ा, कोई गोली होली में गोली और गोली में हो ली, आया नशा होली के रंगों में महाकाल की टोली। परिचय : किरण पोरवाल पति : विजय पोरवाल निवासी : सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) शिक्षा : बी.कॉम इन कॉमर्स व्यवसाय : बिजनेस वूमेन विशिष्ट उपलब्धियां : १. अंतर्राष्ट्रीय साहित्य मित्र मंडल जबलपुर से सम्मानित २. अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना उज्जैन...
उपहार
कविता

उपहार

किरण पोरवाल सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) ******************** मानव तन का मोल है जाना? ईश्वर की रचना को पहचाना, अनमोल कीमती शरीर की संरचना, आँख, नाक और कान की रचना, अंग-अंग की कीमत है जानी? इसकी कीमत नही पहचानी, प्रभु का उपहार बडा़ अनमोल। लाख करोड़ अरबो भी कम, अपने को नि:शुल्क अर्पण है, करे इफाजत इस तन मन की, कंचन से कोमल तन-मन की, नही मिलेगा यह दोबारा, चाहे कर ले जतन तू सारा, धन्यवाद दे प्रभु को आज, मुक्ति का साधन ये हे महान। शीशे का देखो यह तन, रखे जतन से जैसे रत्न, अच्छे कर्मो का ज्ञान तू रख ले, प्रभु का हरदम ध्यान तू कर ले, धन्यवाद दे सौ-सौ बार, कितना कीमती मानव तन का उपहार। परिचय : किरण पोरवाल पति : विजय पोरवाल निवासी : सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) शिक्षा : बी.कॉम इन कॉमर्स व्यवसाय : बिजनेस वूमेन विशिष्ट उपलब्धियां : १. अंतर्राष्ट्रीय स...
संघर्षो से घबराना क्या
कविता

संघर्षो से घबराना क्या

किरण पोरवाल सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) ******************** संघर्ष विजय की जननी है, संघर्ष तो जीवन के साथ रहा, संघर्ष से घबराहट केसी, हर मानव के यह साथ रहा। संघर्ष के कारण जीवन में, कुछ गलत कदम उठाए ना, महापुरुषों का चरित्र देखकर, पथ उनके चल जाए सदा। मातृभूमि को आजाद है करना, संघर्षों से भरी कहानी है, संघर्ष करके है जीवन में, आजादी की यही कहानी है। देश के वीरों और वीरांगनाओं का, कितना संघर्ष भरा जीवन है रहा, तभी तो गुलामी की जंजीरों से, आजादी को हासिल हे किया, संघर्ष से शिखर हे पाना, जीवन का औचित्य रहा, जिसने संघर्ष का किया सामना, जीवन में वह अडिग रहा, वह विजय स्तंभ बनकर के इतिहास रचा इतिहास बना। जिसने संघर्ष को पार किया, जीवन में अग्रसर वो हे रहा, "जीवन तो एक संघर्ष है" चलता ही रहा चलता ही रहेगा है। जिसने संघर्ष को पार किया, जीवन में ...
होली है खुशियों का त्योहार
कविता

होली है खुशियों का त्योहार

किरण पोरवाल सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) ******************** सुख समृद्धि का हैं त्यौहार, आनंद उल्लास का पर्व महान, देखो खेतों में गेहूं उम्बी आई, खेतों में हरियाली छाई, कृषक खेतीहर है खुशहाल, होली है खुशियों का त्योहार। पेड़ों पर नई कोपले आई, आमों पर देखो मोढ़ है छाए, पशु पक्षी देखो चहकाये, टेसू पर भी आए फूल। प्रकृति देखो है खुशहाल, राधा कृष्ण की होली आज, बच्चे बूढ़े सभी खेलते, मन में आनंद देखो अपार। कोई रंग कोई अबीर गुलाल, खेले देखो मिलकर आज, कोई नाचे कोई झाझ बजावे, कोई भला कोई बुरा बताए, सबके मुंह पर एक ही बात, बुरा ना मानो होली आज। परिचय : किरण पोरवाल पति : विजय पोरवाल निवासी : सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) शिक्षा : बी.कॉम इन कॉमर्स व्यवसाय : बिजनेस वूमेन विशिष्ट उपलब्धियां : १. अंतर्राष्ट्रीय साहित्य मित्र मंडल जबलपुर से सम्मानित २. अंत...
सशक्त
कविता

सशक्त

किरण पोरवाल सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) ******************** भारत की बेटी है न्यारी, हर क्षेत्र में परचम भारी, निडर साहसी शक्तिशाली, दुश्मन पर पड़ती वो भारी, अबला नहीं सबला है सारी, अब नहीं मोहताज किसी की, गोला बारूद हाथ में उसके, बड़े विमान हाथ में उसके, हर-पद पर वह राज है करती, लक्ष्मी ,इन्दरा, सुनीता द्रुपति, नारी! सशक्तिकरण की मिसाल है सारी, नारी को हथियार शक्ति दे, अस्त्र प्रशिक्षण घर घर कर दे, आत्मनिर्भर नारी को कर दे, सीता सी अबला नहीं रहे वह, रण चण्डी काली सी कर दे, कोई आँख दिखाना पाये, कोई छेड उसे ना पाये, तत्क्षण दण्डित हे वो कर दे, न्याय का चाबुक दे हाथो मे, निडर! बनकर रहे जगत मै, कोई पापी, अत्याचारी! ना हो, काँपे उसके बल पौरुष से, सर्वागीण विकास हो उसका, हर क्षेत्र मै परचम उसका, हर पुरुष साहस शक्ति दे, फिर कोई रावण पैदा ना हो, फिर कोई ...
द्रौपदी
कविता

द्रौपदी

किरण पोरवाल सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) ******************** पांच पति की द्रौपदी, छली गई वह नार, पासे पर फेंकी गई वह अबला हर बार, क्या पासा क्या दावा है स्त्री? उसका कोई अस्तित्व नहीं, जिस और उसे हांके कोई, गाय भैंस वह ढोर नहीं। एक संबंध के कारण झुकती है, आज अबला नहीं सबला नारी, कभी मायके कभी ससुराल में देखो, पासा बन बैठी है नारी। अपना व्यक्तित्व अपना है अहम, छल-कपट के कारण छली नारी, मन ही मन में वह विचार करें, क्या मेरा अस्तित्व नहीं कोई? क्यों दाव पर उसे लगाते हो, क्यों पासा उसे बनाते हो, अपनी इज्जत आबरू के कारण, तुम दुखी उसे कर जाते हो। एक आंख में आंसू उसके, एक आंख है नम है रही, औरों की राजनीति के कारण, अपनी इज्जत दाँव पर की। तुम समझो उसकी भावना को, नहीं किसी के पक्ष में वो, सबका साथ सबका है प्यार, बस यही उसी की झोली में है। मान अपमान सब सहन करें...
आधुनिकता
कविता

आधुनिकता

किरण पोरवाल सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) ******************** चकाचौंध की दुनिया में बस भागम भाग है जीवन में, नहीं आत्मीयता नहीं है प्रेम, बस दिखावे है इस दुनिया में जंगल हो या हो बस्ती, नहीं पहचानते औरों को हम, हम और हमारे दो बस यही सिमटती दुनिया है। रिश्ते नाते सब दूर हुए, अब दोस्त यार है जीवन में, पैसे की अहमियत रह गयी अब, छलावा रह गया इस दुनिया में है। औरों के लिए जीते हैं ये, नहीं बहन भाई मौसी क्या है, त्योहारों पर घूमने जाना, रिश्ते नाते दबे मिट्टी में है। मर्यादा लाज धूमिल है हुई, शर्माते बूढ़े ठाड़े हैं, लज्जा से आंखें नम है हुई, आधुनिकता की इस दौड़ में है। "क्यों कृष्ण आए अब तो है यहां? किसकी साड़ी है बढ़ाने को, सब जींस पैंट में द्रोपती है, किसका यहां चीर बढ़ाने को" लूट रही रोज पैसों पर ये, नहीं कुल वंश का ख्याल रहा, मर्यादा पाली जिसने ...
सीता शोक
कविता

सीता शोक

किरण पोरवाल सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) ******************** अशोक मै भी शोक था, राम के इंतज़ार मे, सीता के हे मिलान का बस राम इन्तजार था। रावण और राम युद्ध का बस सार ही तो राम है, परीक्षा पर परीक्षा ही, सीता चरित्र महान है। विरह की आग अग्नि से प्रबल ज्वलन्त आग है, सीता हमेशा शोक में अग्नि परीक्षा साथ है। सीता को ना समझ सका? कितने ही धोबी आज है, अब सीता वो सीता ना रही, कलयुग की सीता आज है। परिचय : किरण पोरवाल पति : विजय पोरवाल निवासी : सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) शिक्षा : बी.कॉम इन कॉमर्स व्यवसाय : बिजनेस वूमेन विशिष्ट उपलब्धियां : १. अंतर्राष्ट्रीय साहित्य मित्र मंडल जबलपुर से सम्मानित २. अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना उज्जैन से सम्मानित ३. राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच इंदौर द्वारा "साहित्य शिरोमणि अंतर्राष्ट्रीय समान २०२४" से सम्मानित ४. १५००+ कवि...
गाथा बेटी की
कविता

गाथा बेटी की

किरण पोरवाल सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) ******************** बेटी इतिहास की गाथा है, बेटी तलवार की धार (लक्ष्मीबाई) बेटी अग्नि की ज्वाला है (मैना) बेटी व्यक्तित्व की खान (अहिल्याबाई होल्कर)। बेटी साहस वीर है (कल्पना चावला) बेटी धर्मनिष्ठ महान (सीता)। बेटी सुंदर मोहिनी ( दमयंती रूपमती) बेटी समाज मै मान( मदर टेरेसा) बेटी आर्थिक सशक्तिकरण की स्तंभ है(सावित्री जिंदल ) बेटी योद्धा महान (दुर्गावती)। बेटी शूरवीर है (केकइ) बेटी पिता की लाज (सीता) बेटी त्याग तपस्या है (राधा) बेटी धैर्य की खान (कुंती)। बेटी घर में उत्साह है (माधुरी) बेटी है हर शौक (मुस्कान) बेटी शान्त चित्त है (ज्योति) बेटी आँगन में बहार (पायल आयु) बेटी से हर त्यौहार है, बेटी रक्षा सूत्र, बेटी आँगन की तुलसी है, बेटी ममता प्यार और दुलार। परिचय : किरण पोरवाल पति : विजय पोरवाल निवासी : स...
माँ
कविता

माँ

किरण पोरवाल सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) ******************** लुका छिपा सा माँ का प्रेम, अति गहरा माँ का है प्रेम, परछाई सा लुकाछिपा, सूरज सा उजला हे प्रेम, वृक्ष सी गहराई इसमें, फूलो सी महकाई इसमें, स्तब्ध गगन आकाश सी व्यापक व्यापक व्योम सितारों सी चमक, शान्त चित्त वो प्रेम की मूरत, घर को स्वर्ग बनाती माँ है। सतयुग द्वापर त्रेता कलयुग, हर युग मे प्रेम परीक्षा माँ है, कभी देवकी कभी यशोदा, कभी कौसल्या सी परीक्षा माँ है। परिचय : किरण पोरवाल पति : विजय पोरवाल निवासी : सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) शिक्षा : बी.कॉम इन कॉमर्स व्यवसाय : बिजनेस वूमेन विशिष्ट उपलब्धियां : १. अंतर्राष्ट्रीय साहित्य मित्र मंडल जबलपुर से सम्मानित २. अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना उज्जैन से सम्मानित ३. राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच इंदौर द्वारा "साहित्य शिरोमणि अंतर्राष्ट्रीय समान २०२...
शंकराचार्य अवतार-बागेश्वर सरकार
कविता

शंकराचार्य अवतार-बागेश्वर सरकार

किरण पोरवाल सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) ******************** आदि शंकराचार्य के रूप में, जन्मे है सरकार, सनातन की धर्म ध्वजा, लहराए महाराज (बागेश्वर सरकार)। हिला दिया है विश्व को, सोचने पर मजबूर, जागा हिंदुस्तान का हिंदू एकता मजबूत। जात-पात का कर रहे, समूल नाश महाराज, बागेश्वर सरकार तो शंकराचार्य अवतार। अपना हिंदू राष्ट्र तो, हिंदू का है देश, वंदे मातरम से परहेज है, छोड़े वह अब देश। भारतवर्षे जम्बू द्विपे, पुराणो का यह मंत्र, किस शास्त्र में आता है, भारत का यह मंत्र। सनातन धर्म आदि है, नहीं इसका कभी अंत, कब इस धर्म की नींव रखी? खोदे जन-जन थक। बड़े चलो, चले चलो, मंजिल नहीं अब दूर। सनातन का परचम यहां, लहराएगा जरूर। परिचय : किरण पोरवाल पति : विजय पोरवाल निवासी : सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) शिक्षा : बी.कॉम इन कॉमर्स व्यवसाय : बिजनेस वूमेन वि...
क्या हिन्दू-हिन्दू भाई भाई?
कविता

क्या हिन्दू-हिन्दू भाई भाई?

किरण पोरवाल सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) ******************** घर-घर में भारत पाकिस्तान, कैसे बनेगा हिंदू राष्ट्र। भाई-भाई मै नहीं है प्यार, पडोसी बन गये रिश्तेदार, नही शर्म नही कोई लाज, बैठ के खाये ये पकवान, भाई भाई को नही जानते, रावण विभीषण बर्ताव मानते, शत्रु एक दिन करेगा राज, पड़ जायेगी जंजीरे (गुलामी) हाथ। आपस में प्यार मोहब्बत को लो, शत्रु को ना घर मे भर लो, नही तो! लंका ध्वस्त हो जाएगी आज, ताल बजायेगा दुश्मन यार। बन्द मुट्ठी एकता का पाठ, खुल जाये तो पत्ता साफ, जीवन जियो सीना तान के साथ, नही तो........ कौन? दुश्मन बैठा है दर पर आज। फूट डालो और राज करो का करेगा काम। हाथ मल के रह जाओगे यार। परिचय : किरण पोरवाल पति : विजय पोरवाल निवासी : सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) शिक्षा : बी.कॉम इन कॉमर्स व्यवसाय : बिजनेस वूमेन विशिष्ट उपलब्धियां : १. अंत...
धर्म ध्वजा
गीत

धर्म ध्वजा

किरण पोरवाल सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) ******************** धन्य-धन्य हे तु जननी, हीरा माणक सा लाल जना, है धन्य हुई यह है वसुधा, गोदी में आया बाल जना। धर्म का प्रहरी धर्म रक्षक जग में, सनातनी धर्म की ले धर्म ध्वजा, निकल गया है कमर जो कसकर, निडर बहादुर लाल बना। अपने जीवन की रक्षा किए बिन, निकल गया धर्म डगर पर आज, माता का बलिदान बड़ा है, धन्य ऐसी जननी आज। अपने दिल के टुकड़े की, आहुति दे दी धर्म यज्ञ में है, एक माँ ही माँ को है समझे, क्या दर्द बँया कर सकती आज। दिल पर पत्थर रखकर के वो, जब विदा कर दिया लाल को है, लाखों का पुत्र बना जग में , लाखों के दिल का टुकड़ा है। अब हिंदू राष्ट्र की कल्पना को, साकार रूप ले दिल में वो, नहीं ऊंच-नीच का भेदभाव, हैं लगा लिया दिल से सबको। अब गरीब अमीर की खाई को, आज मिटा दिया हर दिल से वो। चले चलो और बड़े चलो, आज कदम से कद...
भाईदूज
कविता

भाईदूज

किरण पोरवाल सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) ******************** भाई बहन के प्यार का है यह त्यौहार, भाई दूज पर मनता है प्रेम का यह त्यौहार, यमुना, यम भाई-बहन इनसे ही शुरुआत, करते रक्षा बहन की प्रेम भाव और प्यार, बहना करती भैया का आदर और सत्कार, रोली कुमकुम अक्षत से करती टीका ललाट। प्रेम के रक्षा सूत्र से बँधा दोनों का प्यार जीवन भर निभना रहे भाई बहना (व्यवहार) प्यार। परिचय : किरण पोरवाल पति : विजय पोरवाल निवासी : सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) शिक्षा : बी.कॉम इन कॉमर्स व्यवसाय : बिजनेस वूमेन विशिष्ट उपलब्धियां : १. अंतर्राष्ट्रीय साहित्य मित्र मंडल जबलपुर से सम्मानित २. अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना उज्जैन से सम्मानित ३. राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच इंदौर द्वारा "साहित्य शिरोमणि अंतर्राष्ट्रीय समान २०२४" से सम्मानित ४. १५००+ कविताओं की रचना व भजनो की रच...
अतः स्वर
कविता

अतः स्वर

किरण पोरवाल सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) ******************** अतः स्वर की वीणा की तान जीवन संघर्ष प्रकृति प्रसन्नता खुशहाली व्यंग त्याग मिलना बिछुड़ना भाव प्रधान हृदय को छूकर फिर रम जाता है मन आत्मा में। अंतर मन जब डूब जाता है जन्मता है एक कवि का विचार, अंत:करण की आवाज हे सुनकर विचारों की लड़ियां बन जाती होता साहित्य कविता का सृजन का हे आज। अतः स्वर अतः मन एक लक्ष्य एक विचार, चिंतन मनन का है भाव, स्फुटित होता है कोई रचना रच जाती चलती रहती अत: स्वर आत्मा की देखो आवाज। कविता को कवि भाव से सजाती, अलंकार छंद रस के गहने पहनाकर, मन के भावों की देखो दुल्हन। शब्द-शब्द से कविता बन जाती। अतः स्वर की गंभीरता शांति एकाग्रचित चिंतन और ध्यान, पहना देती कविता को रचना से, कविता को, सुर ताल से पायल की देखो झंकार। किरण लगा देती प्रकृति की, बेल-बूटो की साड़ी तैयार, ...
शिव भक्ति
स्तुति

शिव भक्ति

किरण पोरवाल सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) ******************** सावन का महीना अति पावन करते सब भोले का वंदन, श्रद्धा विश्वास के प्रतीक है शंकर शक्ति के आराध्य है शंकर। अमर कथा के व्यास हे शंकर, गोरा को कथा सुनाएं शंकर, पार्वती ने तब किया सावन मैं, "श्रावणे पूजयते शिवम्" दान धर्म का फल है सावन अविरल भक्ति का महीना है सावन। समुंद्र मंथन हुआ सावन में, विष का पान किया शंकर ने, नीलकंठ प्रभु नाम धराया, जग को विष से बचाए शंकर, चंद्रमा शिव शीश सुहाय, जटा में गंगा हे लिपटाए, गले मुंड की माला सुहाय, शेषनाग धारे शिव शंकर। त्रिनेत्र त्रिशूल हाथ में अंग भस्म लगाए शंकर, बेलपत्र शिव शंकर प्यारा, सत रज तम का प्रतीक हे न्यारा। सौम्य रूप कभी हे प्रलयकर, रौद्र रूप धारी शिव शंकर, हाथ में डमरू जटा सजाए, तांडव नृत्य करे शिव शंकर, त्रिनेत्र प्रलयंकरकारी पल में प्रलय करे शिव श...
आवाज
कविता

आवाज

किरण पोरवाल सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) ******************** सशक्त बनो शक्तिशाली बनो, लक्ष्मीबाई तलवार की धार बनो एक हाथ में पुस्तक हो, दूसरे मे तलवार सा हथियार भी हो। यह वक्त न बहस, मोमबत्ती का, यह समय हे हाथो मे हथियारो का, अब क्लास लगा दो बालिकाओ की, अब दे दो छूट महिलाओं को, बालिकाओ को उन किशोरीयो की, अपनी सुरक्षा और मान सम्मान की। तलवार सीखे, वह बंदूक सीखे, वह अत्याचारीयो पर वह भारी बने, तन और मन से शक्तिशाली बने। फांसी के फंदो पर झूला दो उन्हें, जो अत्याचार करे जो जुल्म करे। कोई भी धर्म मजहब का हो, कोई भी रिश्ते नाते हो। ना छोडो अत्याचारो को इन राक्षस दानव दुष्टो को, नही दया दिखाओ इन दानवो पर भूखे ही मरने दो इन राक्षसो को, यह हर महिलाओ की आवाज भी है, यह हर बालिकाओ की ललकार भी है। परिचय : किरण पोरवाल पति : विजय पोरवाल निवासी : सांवेर रोड उज्जैन...
खुद से खुद की मुलाकात
आलेख

खुद से खुद की मुलाकात

किरण पोरवाल सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) ******************** ध्यान योग साधना से खुद को खुद के अंदर झाँककर, एक मुलाकात खुद ने खुद से की। मैं किस जगह और किस डगर पर हूं और मुझे कहां पहुंचना है? जब मैं खुद को खुद से पहचानी, तो महसूस किया मैं एक कवियत्री हूं मैं अपने भावों के द्वारा अपने विचार सबके सामने रखती हूं। मैं प्रकृति, एक दूसरे के भाव विचार, धरती, अंबर, जलवायु, हरियाली, नदी, पर्वत समन्दर से रूबरू होकर अपने भाव प्रकट करती हूं। मैं एक आर्टिस्ट हू मैं अपनी कला को प्रदर्शित कर, कविता के माध्यम से उसके अंदर तन्मय और लीन कर देती हूं, सोचने और समझने पर बाध्य कर देती हूं। अरे! मेरी कला तो इतने सालों तक छिपी हुई थी इन मंचो के द्वारा व आप सबके द्वारा पसंद करने पर मेरी कला को में प्रदर्शित कर सकी और अपने आप को पहचान सकी, की प्रभु ने भी मुझे कुछ सीखा कर भेजा है जो कला हर व्यक्ति में रह...
द्रोपदी
कविता

द्रोपदी

किरण पोरवाल सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) ******************** क्या दोष मेरा था पांडु पुत्र, जो दांव पर मुझे लगाया है, क्या अबला समझकर मुझको तुमने दाँव पेच पर लगवाया है, क्यों मौन बैठे तुम रहते हो, कहा गया गांडीव धनुर्धर? भीम की गदा की शक्ति कहा, तलवार क्यों पडी धरा पर है। क्यो झुका हुआ हे मस्तक पितामह का? अधर्म की ओर आज झुका हुआ? बंधे राजधर्म की जंजीरो से, एक लाज द्रोपदी की लगी है आज। पासो मै हारी है द्रोपदी, द्रुत क्रीड़ा की पासे वो है, दुर्योधन अधर्मी बुद्धि, दुषाशन निर्वस्त्र करो तुम आज। पाँचो पाँडव हारे बैठे, द्रोपदी ने जब सबको पुकारा है, नही गांडीव चला अर्जुन का, नही गदा चली भीम की है। अधर्म के आगे धर्मराज, आज मौन हुये भीष्म पितामह है, द्रोपदी की लाज पे आच हे आज, दुशासन खींच रहा साडी आज। अबला की लाज बचाओ तुम, आ जाओ गिरिवर के धारी, द्रोपदी की लाज ...
दर्द की चीखें
कविता

दर्द की चीखें

किरण पोरवाल सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) ******************** क्या भ्रूण में मर जाऊं? क्या जन्म ना ले पाऊं? कैसी घड़ी कैसा समय, क्या बंद कमरे में रह जाऊं। क्या दोष किया मैंने विधाता? इस धरती पर बोझ में बन बैठी, रावण दुशासन एक ही थे अब हजार दुशासन बन बैठे। धरती से जन्मी सीता को धरती में समाना पड़ता है, अत्याचारों का जीवन देखो द्रोपती को सहना पड़ता है। त्रेता में एक कृष्ण जन्मे अब कलयुग में हजार कृष्ण को जन्म ना होगा। अपनी सुरक्षा अपना बचाव क्या जन्म से बेटी कर लेगी? अबोध नादान नासमझा जो बेटी है, कैसे कंस के हाथों बचनी होगी। संस्कार सभ्यता शिक्षा में बदलाव जरूरी है भारत में, गीता पुराण भागवत की शिक्षा गुरुकुल जरूरी है भारत में। विचार क्रांति ही है सुरक्षा, विचारों की प्रधानता हो प्रबल, तभी सुरक्षित रह पाएगी भारत माता और भारत की बेटी। पूजनीय वंदनीय हम सम...
गुरु बिना ज्ञान विवेक ना होए
कविता

गुरु बिना ज्ञान विवेक ना होए

किरण पोरवाल सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) ******************** गुरु अमृत है गुरु विष का प्याला भी है। गुरु मीठा है गुरु कड़वा है, गुरु संस्कार हे गुरु संस्कृति है। गुरु ज्ञान है गुरु विवेक है। गुरु वर्तमान भूत और भविष्य है। गुरु बुद्धि है गुरु चित् है। गुरु चित्र है गुरु चरित्र है। गुरु जीवन की सीढी है। गुरु दर्पण है गुरु निश्चल है। गुरु मान है गुरु सम्मान है। गुरु ब्रह्मा विष्णु और महेश है। गुरु व्यापक गुरु अनन्त है। गुरु सूर्य है गुरु चंद्र है। गुरु तीर है गुरु माखन है। गुरू धैर्य है गुरु साहस है। गुरु प्रकाश है गुरु किरण के जीवन में गुरू अवतार मै कृष्णा भाभी के समान (गुरु) शिक्षका है। परिचय : किरण पोरवाल पति : विजय पोरवाल निवासी : सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) शिक्षा : बी.कॉम इन कॉमर्स व्यवसाय : बिजनेस वूमेन विशिष्ट उपलब्धियां : १. अंतर्राष्...
सावन का महिना
कविता

सावन का महिना

किरण पोरवाल सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) ******************** सावन का महिना रिमझिम-रिमझिम देखो बरसे मेघ, पिया प्रियतम देखो झूला झूले हरियाली ओढ़े वन उपवन, फूलों से महके चमन, पपीहा करे वन मै शोर, सावन की उमंग नाचे देखो उन्मद मोर, रिमझिम-रिमझिम सावन की फुहार, कोयल का देखो है शोर, उमड-घुमड कर बरसे बादल, कान्हा के होठौ पर मुरली तान सुनाये मीठे बोल। सखिया देखो भई बावरी, डोलत देखो हे मधुबन, काना की बंशी की धुन पर नाचत देखो ब्रजबाला सब, देखो वन मै झूले राधा संग कृष्ण। परिचय : किरण पोरवाल पति : विजय पोरवाल निवासी : सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) शिक्षा : बी.कॉम इन कॉमर्स व्यवसाय : बिजनेस वूमेन विशिष्ट उपलब्धियां : १. अंतर्राष्ट्रीय साहित्य मित्र मंडल जबलपुर से सम्मानित २. अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना उज्जैन से सम्मानित ३. राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच इंदौर...
काले-काले जामुन
कविता

काले-काले जामुन

किरण पोरवाल सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) ******************** खट्टे मीठे काले जामुन, बच्चे बूढ़े सबको भाये जामुन, काले काले गोल मटोल, फायदे करते है भरपूर। ब्लड प्रेशर को कंट्रोल है करते, मोटापे को दूर है करते हैं, चेहरे को चमकाये जामुन, फाइबर से भरपूर हैं जामुन। कोई खट्टे कोई मीठे, खाते ही दाँत कटकटाये जामुन। खाते ही देखो आँख मिचते, आँख मारते हम हे जामुन। भला लगे चाहे बुरा लगे, बस जामुन तो बस होते है जामुन। देखो खट्टे खट्टे जामुन। मीठे जामुन गुटली कड़वी, चूस चुस कर खाते जामुन। मौसम का एक पल है जामुन, स्वास्थवर्धक होते हे जामुन। परिचय : किरण पोरवाल पति : विजय पोरवाल निवासी : सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) शिक्षा : बी.कॉम इन कॉमर्स व्यवसाय : बिजनेस वूमेन विशिष्ट उपलब्धियां : १. अंतर्राष्ट्रीय साहित्य मित्र मंडल जबलपुर से सम्मानित २. अंतर्राष्ट्रीय श...
ननद बहन
कविता

ननद बहन

किरण पोरवाल सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) ******************** ननद को जीवन में क्या हम समझे? बहन समझे या ननद हम समझे, मायके का एक अंश ननद है। थोड़ा सा अधिकार ननद है, प्रेम भाव का राज ननद है, मेल मिलाप की जगह ननद है। प्यार की एक जगह ननद है। सहेली और बहन का संबंध ननद है भाई का तो प्यार ननद है। मानसिक दुख का इलाज ननद है, भाई की शक्ति तो ननद है, नहीं किसी से लेना देना बस बिगड़े काम बन जाए ननद है। "दीप से दीप जलाती ननद है, एक पंक्तिबद्ध का भाव ननद है" पीहर में खुशहाली ननद है, हल्ला गुल्ला शोर शराबा, देखो एक माहौल ननद है। काम सुधारे काम बनाये, भाई की उलझन का हल है । पिता के दिल का भाव ननद है माता का तो प्यार ननद है, पीहर की ढाका छाबी ननद है। भाई का तो भाव ननद है। मान अपमान का घुट ननद है। पीहर की तो लाज ननद है, अमीरी गरीबी का मान ननद है। सह लेती सब भार ननद है...
मीठी वाणी
कविता

मीठी वाणी

किरण पोरवाल सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) ******************** प्रेम शब्द में मीठा है, प्रेम शब्द का मोल, प्रेम शब्द से सब रीझे मानव देव असुर। प्रेम शब्द है मोहिनी प्रेम शब्द है राम, प्रेम शब्द में कृष्ण बसे गोपीयो के हे भगवान, प्रेम शब्द है खींचता दौड़े आए श्याम, द्रोपदी का चीर प्रभु बढ़ा दिया तत्काल, प्रेम व्यवहार से जगत को जीत लेता इंसान, प्रेम भाव संबंध से खुशियाली घर द्वार, अतिथि आये द्वार पर देवों के समान, प्रेम शब्द से झुक जाए दुष्ट शत्रु तत्काल। प्रेम के आगे झुक गए देखो कृष्ण महान, "मीठी बोली सुक बोले सबके मन को भाय , कर्कश वाणी कौवा बोले कोई ना उसको चाह" परिचय : किरण पोरवाल पति : विजय पोरवाल निवासी : सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) शिक्षा : बी.कॉम इन कॉमर्स व्यवसाय : बिजनेस वूमेन विशिष्ट उपलब्धियां : १. अंतर्राष्ट्रीय साहित्य मित्र मं...