अटल मेरा विश्वास है
आनंद कुमार पांडेय
बलिया (उत्तर प्रदेश)
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मिटे गरीबी हिन्दुस्तां से,
अटल मेरा विश्वास है।
हँसता चेहरा देखें सबका,
लक्ष्य यही बस खास है।।
शिक्षा, स्वास्थ्य ब्रम्हास्त्र बना,
बस ऋण देना इक ध्येय नहीं ।
हो भले अनेकों ऋण दाता,
कोई मुझ सा अजेय नहीं ।।
हम उनको हीं लक्षित करते,
जिनका न किसी पर आस है।
हँसता चेहरा देखें सबका,
लक्ष्य यही बस खास है।।
नई विकास की रणनीती,
है मिली सभी की सहमती।
बस एक वाक्य हीं याद रहे,
है ब्रह्म गांठ यह यूनिटी।।
घर से लेकर सामानों तक,
हो वो सब जो न पास है।
हँसता चेहरा देखें सबका,
लक्ष्य यही बस खास है।।
बस एक हमारा कहना है,
जितनी भी मेरी बहना है।
चलो एक वचन मुझको दे दो,
न जुल्म किसी का सहना है।।
हम पग-पग साथ तुम्हारे हैं,
हाँ तबतक जबतक सांस है।
हँसता चेहरा देखें सबका,
लक्ष्य यही बस खास है।।
जब न था कोई हम थे,
सबके...