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Tag: अभय चौरे

सामना करुँ
कविता

सामना करुँ

अभय चौरे हरदा (मध्य प्रदेश) ******************** कैसे जाउँ मै पास उसके कैसे मैं सामना करू। कल तक जो खिल्ती थी सुहाग के जोड़े में कैसे मैं उसका वैधव्य का सामना करुँ।। छोटी थी जबसे दुलार किया उसके दुख को कैसे सहारा मैं दूँ। हस्ता खेलता परिवार बिखर गया काटों की तरह कैसे मै उसका संबल बनू।। करीब जाने की हिम्मत नही मुझमें कैसे मैं खुद्को इस योग्य करुँ। कल तक जो सुहाग थे उसके जाने का उनके कैसे ढाढस बँधु।। छोटे-छोटे हैं दो बालक उनके कैसे मैं उनका सहारा बनू। कैसे गुजर बसर होगा उनका अब कैसे मैं उनकी मदद करू।। परिचय :- अभय चौरे निवासी - हरदा (मध्य प्रदेश) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है। आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मं...