Monday, December 23राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

Tag: अनुराधा बंसल गुप्ता

कोख की आवाज़
कविता

कोख की आवाज़

अनुराधा बंसल गुप्ता जयपुर, राजस्थान ******************** आज माँ में तेरी कोख में आयी हूँ देखा है ना तूने मुझे, देख तुझसा ही निर्मल चेहरा लिए आयी हूँ माँ आज तूने छुआ मुझे तेरे इस चूँभन में संसार की हर ख़ुशी के बड़कर सुख पाया हैं मेने.. इस संसार का दीदार तो किया नहीं फिर भी तुझमें इस संसार को पाया हैं मेने देख माँ आज हाथ बने है कल लकीरें भी जल्द बनेगी फिर मेरे हाथो में तू हमेशा हमेशा संग रहेगी .. माँ तू यू चुप क्यू है बोल ना ये खोफ़नाक आदमी कोन है ?? जो बार तुझे बेबस करके मुझसे दूर ले जाने की कोशिश करता है माँ बनाकर ख़ुद को बेबस नहीं छोड़ेगी न तू मुझे हर पल तो मेरा अटूट अहसास तूने अपनी साँसो में पाया है.... बोल ना मेरी ग़लती है क्या ? क्यू देना चाहता है ये ज़माना सज़ा? तू भी तो इक बेटी है तेरी भी तो इक माँ थी फिर क्यू ये सज़ा मुझे मिली ? क्यू मेरी चीख़ तुझे सुनायी ना दी ? क्यू तू बेबस लाच...