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Tag: अक्षय भंडारी

देश का प्राण
कविता

देश का प्राण

अक्षय भंडारी राजगढ़ जिला धार(म.प्र.) ******************** युवा देश का प्राण है मोबाइल हर हाथों में डिजिटल इंडिया की पहचान है फिर उन हाथों छलावे के विज्ञापन दिख रहे है लालच के बाजार में युवा छले जा रहे है क्या विज्ञापन में लालच का कोंन सा खेल चल रहा है किसी युवा को कर्ज में डूब रहा है आज डिजिटल इंडिया की पहचान हमारा युवा किस ओर भटक रहा है उनकी आँखों मे कर्ज का बोझ पल रहा है आज उस कारण युवा मौत के साये में समा रहा है फिर भी इस देश मे लालच का बाजार क्यो सज रहा है। परिचय :- अक्षय भंडारी निवासी : राजगढ़ जिला धार शिक्षा : बीजेएमसी सम्प्रति : पत्रकार व सामाजिक कार्यकर्ता घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है। आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्ष...
अनेकता में एकता की नगर चौरासी
कविता

अनेकता में एकता की नगर चौरासी

अक्षय भंडारी राजगढ़ जिला धार(म.प्र.) ******************** हम सुनाते है एक ये प्यारी बात, ये है हमारी नगर चौरासी की बात। ये बात है हमारे राजगढ़ (धार) की जहां दिखती है रोनक त्यौहारो की, परंपरा है निभती मेरे राजगढ़ (धार) में एक प्यारा सा भारत जैसे बसता है हर एक की निगाहों में सुना है हमने राजगढ़ (धार) की मिट्टी की है एक खास बात सबको अपनो से जोड़े रखती है ये ना करती कोई भेदभाव। नगर चौरासी देती सन्देशा यही हम सब एक है इसकी बात यही एक पंगत बैठ भोजन प्रसाद करे सभी धर्म और जाति एक समान हक से रहे। सबकी जुबान अलग ही सही, पर हर कदम एकसाथ चले, अनेकता में एकता की आओ हम कायम मिसाल करें। पंगत में बैठकर अच्छी संगत के साथ आओ कुछ इस मिट्टी की बात करें हमारा नगर चौरासी है सबसे निराला ये बात को हम आज साकार करें दुनिया को देती यही प्रेरणा। नगर चौरासी ओर देती है एक संदेश, प्यार...
सोशल मीडिया की गलियों में
कविता

सोशल मीडिया की गलियों में

अक्षय भंडारी राजगढ़ जिला धार (म.प्र.) ******************** सोशल मीडिया की गलियों में ढूंढ रहे हम ऐसा मित्र जो हमे लगे अपना सा, देख के प्रोफाइल उसकी यह है सीधा-सादा और कलीन है इसका चरित्र, पर किस्मत कई बार दे जाती है धोखा, जो दिख रहा था राम हमें वह तो निकला रावण सा, इस भूल-भूलैया सोशल मीडिया की गलियों में बहुत मुश्किल है पाना अच्छा मित्र मित्र तो स्कूल के समय के ही अच्छे थे, जिसके मन में ना था कपट ना लालच। जिसे हम नजदीक से देखते थे, मिलते थे और झगडते भी थे, दूसरे दिन सब भूल भूला के वापस वही उमंग से मिलते थे। सोशल मीडिया की गलियों कौंन मित्र अच्छा कौंन बुरा है क्या पता जीवन इसी सोच में लगा है, भरोसा ना अब होता है, इसलिये सोशल मीडिया की गलियों में जाने से भी दिल अब डरता है। किस राहों में कोई अपनेपन का चोला ओढ़े हमें ठग जाए, इस गलियों में गन्दगी हो न...
हसंते-हसंते
कविता

हसंते-हसंते

अक्षय भंडारी राजगढ़ जिला धार(म.प्र.) ******************** जिंदगी थम गई खुशियों वाली गम बदल जाए, खुशियां मिल जाए कितने वायरस बदलते रहे दुनिया फिर कोरोना मुक्त हो जाए। चेहरे पर हो मुस्कान जब ये दुनिया मुस्कराती रहे आएगे अच्छे दिन ओर खुशियों गीत गाया करे। करे हम सकरात्मक बात जान से जान आती रहे। हर पल हर दिन फिर से अच्छे आए फिर सब त्योहार बने ईश्वर सबका भला करे फिर से हमे सकंट से मुक्ति मिल जाए हसंते-हसंते लॉकडाउन कट जाए। परिचय :- अक्षय भंडारी निवासी : राजगढ़ जिला धार शिक्षा : बीजेएमसी सम्प्रति : पत्रकार व सामाजिक कार्यकर्ता घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है। आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं...
लौटेगी ज़िंदगी
कविता

लौटेगी ज़िंदगी

अक्षय भंडारी राजगढ़ जिला धार(म.प्र.) ******************** इसी कोरोना वायरस ने दुनिया के पहिये को थाम दिया आप भी थम से गए में भी थम गया ओर मानो ज़िंदगी का पहिया जैसे थम सा गया। दिन-रात भी यू कट रही ज़िंदगी पलभर में क्या से क्या बदल गया दुनिया अपनो के जाने से गम के अश्रुओं में बहने लगी सावधानी हटी, नज़र लगी ओर खुशियों को गम में बदल दिया दुनिया के अच्छा वक्त भले ही आज थम गए हो लेकिन उम्मीद है कि ये वक्त भी बदलेगा एक दिन। आज चेहरे की नकली हंसी जैसे चेहरे का नूर ही गुम हो गया सब्र रखो हर चेहरे पे मुस्कान आएगी फिर लौटेगी ज़िंदगी पटरी पे एक दिन। परिचय :- अक्षय भंडारी निवासी : राजगढ़ जिला धार शिक्षा : बीजेएमसी सम्प्रति : पत्रकार व सामाजिक कार्यकर्ता घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है। आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष...
काजल का टीका लगा दु
कविता

काजल का टीका लगा दु

अक्षय भंडारी राजगढ़ जिला धार(म.प्र.) ******************** भारत की सेहत पर खामोशी के नजारे है, किसके हौसलों ने बचा लिया पर हौसला न था किसके पास तो अखियो में जुदा होंने का गम पसार गया मेरे भारत को किसकी नज़र लग गई सोचता हूं कि कभी शनिवार-वार को मिर्ची से नज़र उतार दु फिर से मेरे भारत को उम्मीदो पर काजल का टीका लगा दु। परिचय :- अक्षय भंडारी निवासी : राजगढ़ जिला धार शिक्षा : बीजेएमसी सम्प्रति : पत्रकार व सामाजिक कार्यकर्ता घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है। आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindiraksha...
यूँ  ना ऐसे दिन आए
कविता

यूँ ना ऐसे दिन आए

अक्षय भंडारी राजगढ़ जिला धार(म.प्र.) ******************** यूँ ना ऐसे दिन आए जो दूरियां बढ़ाए दुनिया को कौंन सी ये हवाए लग गई हर बात में दूरियां बढ़ गई वरना यू दिन आए क्यो परेशान है वो दुनिया वीरान है वो गलियां चलते हुए इंसान में आज ये मजबूरियां केसे दिन ढल रहे अपनो के जाने के बाद कैसे दिन कट रहे जाने ये दिन कब गुजरे फिर से दुनिया का पहिया चलता जाए यूँ ना ऐसे दिन आए जो दूरियां बढ़ाए। परिचय :- अक्षय भंडारी निवासी : राजगढ़ जिला धार शिक्षा : बीजेएमसी सम्प्रति : पत्रकार व सामाजिक कार्यकर्ता घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है। आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने ...
कल का दौर
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कल का दौर

अक्षय भंडारी राजगढ़ जिला धार(म.प्र.) ******************** कल का दौर भी देखा आज का भी दौर देख रहा हु संभल कर चलु कब तक सोचता हूं वक्त आज बुरा है कल वक्त अच्छा भी आएगा वक्त संभलकर चलना आज दुनिया मे काल के रूप विकराल है आज सहना, ठीक रहना यू ही किसके जाने में कब वो दिन गुजर गए यू ही बिलख-बिलख कर आंसुओ की बून्द बहती अपनो में यू ही दर पर कब वो क्षण आ जाए आए तो कब वो क्षण गुजर जाए। परिचय :- अक्षय भंडारी निवासी : राजगढ़ जिला धार शिक्षा : बीजेएमसी सम्प्रति : पत्रकार व सामाजिक कार्यकर्ता घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है। आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु ...
एक दिन अफसोस के मारे पछताओगे
कविता

एक दिन अफसोस के मारे पछताओगे

अक्षय भंडारी राजगढ़ जिला धार(म.प्र.) ******************** आँखों मे कब तक वो नज़ारे छुपाओगे आँखों ओर पलको को कब तक रुलाओगे, नज़ारो को देख आखों को आंसुओ में कब तक भिगाओगे, एक दिन दोनो नज़ारे देख थक कर रूठ जाएगी अगर आखों में यू ही नज़ारे लिए बैठोगे तो एक दिन अफसोस के मारे पछताओगे।। परिचय :- अक्षय भंडारी निवासी : राजगढ़ जिला धार शिक्षा : बीजेएमसी सम्प्रति : पत्रकार व सामाजिक कार्यकर्ता घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है। आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अण...