रिश्ते कभी रिसने न पाएं
अंजनी कुमार चतुर्वेदी "श्रीकांत"
निवाड़ी (मध्य प्रदेश)
********************
रिश्ते कभी न रिसने पायें,
रिश्ते सभी निभाएं।
चलो बचा लें हर रिश्ते को,
हर रिश्ता अपनायें।
रिश्ते हैं अनमोल धरोहर,
रिश्ते कभी न टूटें।
प्यार भरे रिश्ते जीवन में,
जीते जी मत छूटें।
नेह प्यार दें हर रिश्ते को,
हर रिश्ता है प्यारा।
कभी न रिसने पाएं रिश्ते,
हर रिश्ता है न्यारा।
संबंधों में भरें मधुरता,
इनको देखें भालें।
सूख गए जो प्यारे रिश्ते,
उन में पानी डालें।
सब मतभेद भुला कर अपने,
मन को पावन कर लें।
गंगाजल डालें रिश्तों में,
खुशी हृदय में भर लें।
नेह प्यार विश्वास भरा हो,
मानव का हर रिश्ता।
सदा काम आए जो सबके,
कहते उसे फरिश्ता।
जब रिश्तों में टूटन होती,
हर रिश्ता रिस जाता।
रुकती नहीं रिसन रिश्ते की,
साँस नहीं ले पाता।
रिसन रोक कर हर रिश्ते को,
प्रेम डोर से बाँधें।
रिश्...