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Tag: अंकुर सिंह

बिखरे ना परिवार हमारा
कविता

बिखरे ना परिवार हमारा

अंकुर सिंह चंदवक, जौनपुर, (उत्तर प्रदेश) ******************** भैया न्याय की बातें कर लो, सार्थक पहल इक रख लो। एक मां की हम दो औलादें, निज अनुज पे रहम कर दो।। हो रहा परिवार की किरकिरी, गली, नुक्कड़ और बाजारों में। न्यायपूर्ण आपसी संवाद छोड़, अर्जी दिए कोर्ट कचरी थानों में।। लिप्सा रहित हो सभा हमारी, निष्पक्ष पूर्ण हो संवाद हमारा। मैं कहूं तुम सुनों तुम कहो मैं, ताकि खत्म हो विवाद हमारा ।। कर किनारा धन दौलत को, भाई बन कुछ पल बात करों। मां जैसे देती रोटी दो भागों में, मिलकर उस पल को याद करों।। बिन मां बाप का अनुज तुम्हारा, मां बाप बनके आज न्याय करों।। हर लबों पे अपनी खानाफूसी, बैरी कर रहे अपनी जासूसी। भैया, गर्भ एक लहू एक हमारा, कंधों पे झूलने वाला मैं दुलारा। आओ मिलकर रोक दे दूरियां, ताकि बिखरे ना परिवार हमारा।। ताकि बिखरे ना.......... ।...
शिक्षक
कविता

शिक्षक

अंकुर सिंह चंदवक, जौनपुर, (उत्तर प्रदेश) ******************** प्रणाम उस मानुष तन को, शिक्षा जिससे हमने हैं पाया। मातृ-पितृ के बाद, जिसकी है हम पर छाया पुनः उनके श्रीचरणों में नमन, जो शिक्षा दे शिक्षक कहलाएं। अच्छे बुरे का फर्क बतला उन्नति का मार्ग हमें दिखलाएं।। शिक्षक, अध्यापक और गुरु संग, आचार्य जैसे है अनेकों पदनाम। कभी भय तो, कभी प्यार जता, करते हमें सिखाने का काम।। कभी डांट तो कभी फटकार कर, कुम्हार के भांति हमें पकाया। अपने लगन और अथक मेहनत से, शिक्षक ने हमें सर्वश्रेष्ठ बनाया।। गुरु तो है, ब्रह्मा, विष्णु और महेश से भी महान। गुरु की दी शिक्षा ही हमें, दिला रही आज सम्मान।। शिक्षा के बिना तो, ये मानव जीवन है बेकार। शिक्षक ने हमें शिक्षित कर, कर दिया अनेकों उपकार।। अपनी शिक्षा से सफल हमें देख, शिक्षक का होता हर्षित मन। पांच सितं...
गजानन महाराज
कविता

गजानन महाराज

अंकुर सिंह चंदवक, जौनपुर, (उत्तर प्रदेश) ******************** भाद्र शुक्ल की चतुर्दशी, मनत है गणपति त्योहार। सवारी जिनका मूषक डिंक मोदक है उनका प्रिय आहार।। उमा सुत है प्रथम पूज्य, कहलाते गजानन महाराज। ऋद्धि सिद्धि संग पधार, पूर्ण करो मेरे सब काज। प्रिय मोदक संग चढ़े इन्हे, दूर्वा, शमी और पुष्प लाल। हे लंबोदर ! हे विध्न नाशक ! आए हरो मेरे सब काल।। हे ऋद्धि, सिद्धि दायक, हे एकदंत ! हे विनायक ! गणेश उत्सव को द्ववार पधारो बनो सदा हमारे सहायक।। बप्पा गणपति पूजा हेतु, दस दिवस को आए। पुत्र शुभ लाभ संग पधार, सारी खुशियां भर लाए।। फूल, चंदन संग अक्षत, रोली, हाथ जोड़ बप्पा हम करते वंदन। हे गणाध्यक्ष!, हे मेरे शिवनंदन, करो स्वीकार अब मेरा अभिनन्दन।। परिचय : अंकुर सिंह निवासी : चंदवक, जौनपुर, (उत्तर प्रदेश) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती ह...