हर तरफ यार का तमाशा है
होशियार सिंह यादव
महेंद्रगढ़ हरियाणा
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खिलखिलाकर वो हँस रहे,
मन से हटी सब निराशा हैं,
लो हम सभी हँसे खुलकर,
हर तरफ यार का तमाशा है।
मंजिल के करीब पहुंच गये,
नय कह रहे अजब भाषा है,
नहीं कभी हम यूं पीछे हटेंगे
हर तरफ यार का तमाशा है।
खेल रहे हम मिल बागों में,
जीत की मन लिये आशा है,
आखिर बाजी जीत ही लेंगे,
हर तरफ यार का तमाशा है।
नयन मिले जब दोनों के तो,
समझ गये नैनों की भाषा है,
प्रेम आलिंगन नजर आये वे,
हर तरफ यार का तमाशा है।
चांद पर जरूर कदम रखेंगे,
पहुंच गये सीधे यूं नासा है,
आखिर चांद को छू लें हम,
हर तरफ यार का तमाशा है।
हमने क्या खोया विगत वर्ष,
लो करते आज खुलासा है,
नये वर्ष में होंगे काम सुंदर,
हर तरफ यार का तमाशा है।
हंसना चाहिए दिनरात सदा,
क्यों बैठ गये अब उदासा है,
निठल्ले बैठ पाप लगता चूंकि
हर तरफ यार का तमाशा है।
पा जाये विश्व ज्ञान एक दिन,
चूंकि दिल...