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Tag: हिमांशु कलन्त्री

कर्मफल
कविता

कर्मफल

हिमांशु कलन्त्री इंदौर (म.प्र.) ******************** कट, कट, कट, कट कटेंगे सारे,,, बच न सकेंगे मानवता के हत्यारे,,, जिनके लोभ ने मारे कई बेचारे,,, छीन गये कितनो के सहारे,,, हर एक कर्म का भुगतान होगा,,, पूरा उसका हर हिसाब होगा,,, अकाल मौत वो ही मरेगा,,, जो काम चांडाल का करेगा,,, काल का जब भी वक्त होगा,,, वो चांडाल को खड़ा करेगा,,, भयाक्रांत महाकाल का अट्टाहस होगा,,, त्रिनेत्र खुलते ही हर दानव भस्म होगा,,, ऊँ शिव,,, . परिचय :- हिमांशु कलन्त्री जन्म दिनांक - २६-०५-७४ निवासी - इंदौर म.प्र. आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.comपर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक कर...
मातृभाषा हिंदी
कविता

मातृभाषा हिंदी

हिमांशु कलन्त्री इंदौर (म.प्र.) ******************** बिछड़ते वक्त तू गुजर जाएगा... मगर मेरी जड़ तू ना उखाड़ पायेगा... निष्ठायुक्त चरित्र है हिंदी... पुरातन प्रतिष्ठा है हिंदी... सतयुगी प्रतिज्ञा है हिंदी... भारतियों का सौभाग्य है हिंदी... हिमांशु का गौरव है मातृभाषा हिंदी... भाषाओं में चमकता तारा है हिंदी... भारत माता का मस्तक अभिमान है हिंदी... संस्कारो का स्वागत-संस्कार है हिंदी... शब्दार्थों की अनन्त पराकाष्ठा है हिंदी... संस्कृति का मूल आधार है हिंदी... बुजुर्गों को किये प्रणाम का आशीष है हिंदी... हिमांशु की आजीवन प्रतिष्ठा है हिंदी... शिव-वंदन जैसा है गुणगान-हिंदी... . परिचय :- हिमांशु कलन्त्री जन्म दिनांक - २६-०५-७४ निवासी - इंदौर म.प्र. आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, हिंदी रक्षक मंच पर अ...