हिंदी मेरी शान है
हरिदास बड़ोदे "हरिप्रेम"
आमला बैतूल (मध्यप्रदेश)
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हिंदी मेरी शान है, हिंदी मेरी सरल पहचान।
हिंदी मेरा वतन है, नित्य करूं मैं गुणगान।।
हिंदी मेरी भाषा है, राष्ट्रभाषा सदा महान।
हिंदी मेरी मातृभाषा, मातृभूमि का वरदान।।
हिंदी मेरा सम्मान है, हिंदी राष्ट्र स्वाभिमान।
हिंदी मेरे तन मन रहे, हिंदी मेरा अभिमान।।
हिंदी की सेवा मैं करूं, श्री चरण में वंदन।
हिंदी की रक्षा में सदा, अर्पण करूं जीवन।।
हिंदी ही मेरी जान है, हिंदी मेरा हिंदुस्तान।
हिंदी मेरी धड़कन में, जीवन मेरा कुर्बान।।
हिंदी भारतवर्ष में, सर्व धर्म का समाधान।
हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई, राष्ट्र में योगदान।।
हिंदी में सबका सार है, गीता ग्रंथ रामायण।
हिंदी सबकी जननी है, जग में एक प्रमाण।।
हिंदी से जल जंगल जमीन, हिंदी से किसान।
हिंदी राष्ट्र भारत की सुरक्षा, करे मेरा जवान।।
हिंद...