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Tag: सुश्री हेमलता शर्मा “भोली बैन”

योग्यता पर भरोसा
लघुकथा

योग्यता पर भरोसा

सुश्री हेमलता शर्मा "भोली बैन" इंदौर (मध्य प्रदेश) ******************  रोज की तरह दूर से आती मधुर संगीत की कर्णप्रिय ध्वनि आज माधवी को बिल्कुल नहीं भा रही थी ... पता नहीं लोग २४ घंटे क्यों संगीत सुनते रहते हैं?... उसके बेटे का चयन जो नहीं हुआ था-संगीत प्रतियोगिता में... योग्यता की कोई कद्र ही नहीं है... उसे चुन लिया जिसे संगीत की कोई समझ नहीं... बड़े बाप का बेटा जो ठहरा... एक कड़वाहट-सी उसके भीतर घुलकर उसके शरीर को कसैला बना रही थी... तभी महरी की आवाज ने उसे चौंका दिया- "बीबी जी हमार बचवा का एडमिसन बड़े सकूल में हो गया है ! वो मोहल्ला के सकूल वालों ने तो भरतीच नी किया था...पर मेरे को उसकी योग्यता पे भरोसा था..."कहकर अपने ‌काम में लग गई, लेकिन अनजाने ही माधवी को योग्यता पर भरोसा रखने का संदेश दे गई। अब माधवी का मन हल्का हो गया था। उसे अब वह संगीत की ध्वनि ‌पुनः मधुर लगने ‌‌लगी ...
अब तो सुधर जाओ मियां
व्यंग्य

अब तो सुधर जाओ मियां

सुश्री हेमलता शर्मा "भोली बैन" इंदौर (मध्य प्रदेश) ****************** अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे की खबर पर जैसे ही दृष्टि पड़ी तो बिल्कुल भी आश्चर्य नहीं हुआ हम तो पहले से ही जानते थे कि यही होना है नहीं होता तो जरूर आश्चर्य होता मियां। एक कहावत तो तुम ने सुनी होगी? हमारे मालवा में बहुत बोली जाती हैं कि "जो दूसरा वास्ते खाड़ा खोदें, उज उनी खाड़ा में सबका पेला पड़े।" मतलब कहने का यह पड़ रिया है कि अब तो सुधर जाओ मियां। आज अफगानिस्तान की स्थिति किसी से छिपी नहीं है। तालिबानियों ने सरकार का तख्ता पलट कर राष्ट्रपति को भागने को मजबूर कर दिया।‌ महिलाओं और बच्चियों की दुर्गति हो रही है। यहां तक कि अफगानिस्तान का नाम भी बदल दिया है और पड़ोसी देशों के पास समर्थन के अलावा कोई चारा नहीं। परिस्थितियां बद से बदतर हो रही है फिर भी भारत में रहने में तुमको डर लगता है मियां जबकि भारत संव...
धरती मां करें पुकार
कविता

धरती मां करें पुकार

सुश्री हेमलता शर्मा "भोली बैन" इंदौर म.प्र. ****************** धरती माता की करुण पुकार, वृक्ष लगाओ तुम इस बार। जर्जर हो गई हूं बच्चों मैं, सुन लो मेरी तुम चित्कार।। हरा भरा कर दो मुझको तुम। यही विनती तुमसे बारम्बार।। अन्न उगाया मैंने,पाला पोसा। छाती शीतल करदो इसबार।। मत लो परीक्षा अब मेरी तुम, यही विनती तुमसे कर्णधार। हरित वस्त्र पहना दो मुझको। करदो मेरा मनभावन श्रृंगार।। . परिचय :-  सुश्री हेमलता शर्मा "भोली बैन" निवासी : इंदौर मध्यप्रदेश जन्म तिथि : १९ दिसम्बर १९७७ जन्मस्थान आगर-मालवा शिक्षा : स्नातकोत्तर, पी.एच.डी.चल रही है कार्यक्षेत्र : वर्तमान में लेखिका सहायक संचालक, वित्त, संयुक्त संचालक, कोष एवं लेखा, इंदौर में द्धितीय श्रेणी राजपत्रित अधिकारी के रूप में कार्यरत है। इससे पूर्व पी.आर.ओ. के रूप में जनसम्पर्क विभाग में कार्य कर चुकी है। लेखन विधा में कविता और लेख लिखती ह...
अय रे होली
कविता

अय रे होली

सुश्री हेमलता शर्मा "भोली बैन" इंदौर म.प्र. ****************** होलिया में उड़ी रियो रे गुलाल, कय दो इन लोगोण से, अय गयो फागुन ने होली को तैवार, कय‌ दो इन लोगोण से, केसूडी का पीला रंग की, पड़ी रय पिचकारी से मार, कय दो इन लोगोण से, म्हारी या चुनर तो भीगी रय रे, भीगी रयो हे घर द्वार, कय दो इन लोगोण से, घुटी रय ठंडई, बणी रय गुझिया, कय दो इन लोगोण से, हिली-मिली रय लो, मत करो जूतमपैजार, कय दो इन लोगोण से ।। . परिचय :-  सुश्री हेमलता शर्मा "भोली बैन" निवासी : इंदौर मध्यप्रदेश जन्म तिथि : १९ दिसम्बर १९७७ जन्मस्थान आगर-मालवा शिक्षा : स्नातकोत्तर, पी.एच.डी.चल रही है कार्यक्षेत्र : वर्तमान में लेखिका सहायक संचालक, वित्त, संयुक्त संचालक, कोष एवं लेखा, इंदौर में द्धितीय श्रेणी राजपत्रित अधिकारी के रूप में कार्यरत है। इससे पूर्व पी.आर.ओ. के रूप में जनसम्पर्क विभाग में कार्य कर चुकी है। लेखन विध...
बेलन-टाईन डे
कविता

बेलन-टाईन डे

सुश्री हेमलता शर्मा "भोली बैन" इंदौर म.प्र. ****************** आज मामला हुवा गरम, रामू भूला पति धरम, पत्नी को तैयार कराना, उसको भारी पड़ गया, जाना था आज सिनेमा, पर टिकटे लाना भूल गया, सुध-बुध भूल गया रामू, पीटा उसने अपना करम, आज मामला हुवा गरम, उसकी पत्नी हुई क्रोधित, चण्डी का जो रूप धरा, बेलन से पीटा रामू को, जबड़ा उसका टूट गया, बेलन-टाईन मना आज, भ्रम उसका सारा टूट गया, पत्नी ने तोड़ दिये बर्तन, रामू ने पकड़े उसके चरण, आज मामला हुवा गरम । परिचय :-  सुश्री हेमलता शर्मा "भोली बैन" निवासी : इंदौर मध्यप्रदेश जन्म तिथि : १९ दिसम्बर १९७७ जन्मस्थान आगर-मालवा शिक्षा : स्नातकोत्तर, पी.एच.डी.चल रही है कार्यक्षेत्र : वर्तमान में लेखिका सहायक संचालक, वित्त, संयुक्त संचालक, कोष एवं लेखा, इंदौर में द्धितीय श्रेणी राजपत्रित अधिकारी के रूप में कार्यरत है। इससे पूर्व पी.आर.ओ. के रूप में जनसम्पर्...
गणतंत्र
कविता

गणतंत्र

सुश्री हेमलता शर्मा "भोली बैन" इंदौर म.प्र. ****************** अर्थ नहीं है तंत्र बता दो, देश का ऐसा मंत्र है । लाख शहीदों की वेदी पर, बना हुआ गणतंत्र है ।। न्याय दंड का मोल यहां पर, चांदी के बल होता है। अन्यायी आजाद रहे यहां, हरिश्चंद्र अब रोता है ।। देश में कुर्सी ईश्वर से भी, बढ़कर समझी जाती है। कुर्सी पूज रहे हैं नेता, कुर्सी उनकी साथी है। न्याय नहीं सरकार नहीं, फिर कैसे देश स्वतंत्र है।। अर्थ नहीं है तंत्र बता दो, देश का ऐसा मंत्र है। लाख शहीदों की वेदी पर, बना हुआ गणतंत्र है।।   परिचय :-  सुश्री हेमलता शर्मा "भोली बैन" निवासी : इंदौर मध्यप्रदेश जन्म तिथि : १९ दिसम्बर १९७७ जन्मस्थान आगर-मालवा शिक्षा : स्नातकोत्तर, पी.एच.डी.चल रही है कार्यक्षेत्र : वर्तमान में लेखिका सहायक संचालक, वित्त, संयुक्त संचालक, कोष एवं लेखा, इंदौर में द्धितीय श्रेणी राजपत्रित अधिकारी के रूप ...