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Tag: सुश्री हेमलता शर्मा

मन की वेदना
कविता

मन की वेदना

सुश्री हेमलता शर्मा इंदौर म.प्र. ****************** हे पथिक तू चला किधर, नव पथ है, है नवीन डगर दृष्टिपात होता है जिधर, कंटक है, नहीं पुष्प्प उधर तन बोझिल है, मन गंभीर, हृदय व्यथित हो रहा अधीर दुविधा तज तू हिम्मत कर, मत घबरा, चलता जा डग भर ।। हे पथिक तू चला किधर, नव पथ है, है नवीन डगर मन मस्तिष्क में मचा है द्वंद्व, मन व्याकुल कर रहा पुकार कहां गयी संवेदनशीलता, जागो, अंर्तमन की ये चित्कार कौन सुनेगा, किसे बुलाउ, दीन-हीन अब हाथ पसार तन-मन बोल रहा अब, मत सहो वेदना कर प्रतिकार हे पथिक तू चला किधर, नव पथ है, है नवीन डगर क्या ’भोली’ से बन जाउं विषधर, या संहार करूं बन चक्रधर या बन शारदा, ज्ञान प्रचार, या फिर चण्डी बन पीयु रूधीर, मातृ शक्ति को है आव्हान, छोड राग ले हाथ खडग-तुणीर बन दुर्गा हो सिंह सवार, कर दो नर पिषाच संहार हे पथिक तू चला किधर, नव पथ है, है नवीन डगर   परिचय :-  सुश्री...
बापू का भारत
कविता

बापू का भारत

********* सुश्री हेमलता शर्मा इंदौर म.प्र. जहां मंदिरों में पढी जाती है कुरान, जहां हिल-मिल रहते है हिन्दु-मुसलमान, गाई जाती है आरतियां मस्जिदों में, देश हित के लिए सभी होते हैं कुर्बान, उस देश का नाम है हिन्दुस्तान।। वैसे तो हिन्दुस्तान में, है बहुत विभिन्नता, जहां वास करते हैं छत्तीस करोड देवता, कई तरह के धर्म, भाषा,लोग हैं देश में, नारा है जिस देश का, अनेकता में एकता, यही है विशेषता कि दृष्टि रखें समान, उस देश का नाम है हिन्दुस्तान।। मिटाया अस्वच्छता का कलंक, स्वच्छता का बापू का सपना, साकार जगत में हमने किया, आओ हम गांधी-सुभाष बन जाये, और विवेकानंद बनकर, जगत में छाये, जिस देश में बापू का सबसे उंचा स्थान, उस देश का नाम है हिन्दुस्तान।।   लेखिका परिचय :-  सुश्री हेमलता शर्मा निवासी : इंदौर मध्यप्रदेश जन्म तिथि : १९ दिसम्बर १९७७ जन्मस्थान आगर-मालवा शिक्षा : स्नातकोत्तर, पी.ए...
देश की दशा
कविता

देश की दशा

********* सुश्री हेमलता शर्मा गुजर रहा है दौर देश का, महाभारत परिवेश से। कब गुूंजेगा पांचजन्य का शंखनाद इस देश में।। कहीं दुर्याेधन करता मर्दन, कहीं पर उसका है साथी। कहीं शकूनि की चालों से, होती देश की बर्बादी।। कहीं दुःशासन चीर हरण कर, पडा हुआ है ऐश में। अंधे करते हैं शासन, इस भारत जैसे देश में।। गुजर रहा है दौर देश का, महाभारत परिवेश से। कब गूंजेगा पांचजन्य का शंखनाद इस देश में।। यही देश है चाणक्यों का, यही देश अवतारों का। इसी देश में गंगा बहती, नहीं अन्त पतवारों का।। फिर भी भारत मां का मुखडा, दिखता सदा ही क्लेश में चहुं ओर प्रताडित होती जनता, आम आदमी तैश में।। गुजर रहा है दौर देश का, महाभारत परिवेश से। कब गूंजेगा पांचजन्य का शंखनाद इस देश में।। . .लेखिका परिचय :-  सुश्री हेमलता शर्मा निवासी: इंदौर मध्यप्रदेश जन्म तिथि : १९ दिसम्बर १९७७ जन्मस्थान आगर-मालवा शिक्षा : स्नात...