पुस्तकें
सुनीता पंचारिया
गुलाबपुरा (भीलवाड़ा)
********************
जीवन का आदर्श,
जीने का अंदाज,
बच्चों में नव निर्माण,
आदमी को इंसान,
आदाब जिंदगी के सिखाती है
पुस्तकें।
राह दिखाती भूले को,
तकदीर बनाती भटके की,
लक्ष्य प्राप्ति तक पहुंचाती है पुस्तकें।
गुणों का भंडार चरित्र का निर्माण ,
संस्कारों की खान, सद्गुणों का आधार,
लाभ ही लाभ प्रदान करती है पुस्तकें।
गमों को भुलाती,
खुशियों को बढ़ाती
जीत की हार की आज की कल की,
कहानियां प्यार की होती है पुस्तकें।
वाणी की मिठास,
कवियों व संतो की जान,
अनुभव से आभास,
चंचल मन को शांत,
सबसे अच्छा दोस्त होती है पुस्तकें।
भाषा का ज्ञान ,कुछ नया ख्वाब,
प्रेरणा का स्रोत, एकांत का साथी,
मनोरंजन का आनंद करवाती है पुस्तकें।
मैं हूं पुस्तक,
किसी का सवाल, किसी का जवाब,
ज्ञान का भंडार, ज्योति का पुंज,
भवसागर से पार करवाती है पुस्तकें।
परिचय : सुनीता पंचारिया शिक्षिका
...