Thursday, November 7राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

Tag: सुखप्रीत सिंह “सुखी”

जहां में ख़ुदा
हिन्दी शायरी

जहां में ख़ुदा

सुखप्रीत सिंह "सुखी" शाहजहांपुर (उत्तर प्रदेश) ******************** जहां में ख़ुदा - ऐ - बंदगी अजीब देखी गरीबी में संस्कारों की संजीदगी अजीब देखी और साया क्या फटा गरीबी में किसी गरीब का यहां लोगों की आंखों में गन्दगी अजीब देखी परिचय :-  सुखप्रीत सिंह "सुखी" निवासी : शाहजहांपुर (उत्तर प्रदेश) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है। आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें …🙏🏻 ...
मां और पत्नी
कविता

मां और पत्नी

सुखप्रीत सिंह "सुखी" शाहजहांपुर (उत्तर प्रदेश) ******************** ना कभी लिखा ना कभी लिख पाया है ना कभी लिखा ना कभी लिख पाया है तुम्हें मां से ज्यादा तो नहीं पर मां से कम भी नहीं पाया है ये बात सच है कि मां ने मेरी जिंदगी सवारी थी पर यह भी सच है कि तूने मेरी दुनिया सवारी है मुझे मां भी प्यारी थी मुझे तू भी प्यारी है हां मां ने मुझे चलना सिखाया था हां मां ने मुझे चलना सिखाया था और तूने साथ चलना सिखाया है सर पे मेरे तब मां का साया था अब साथ मेरे तेरा साया है ना कभी लिखा ना कभी पाया है मां मेरे खाने, पीने, पहनने का ख्याल रखती थी और तू भी मेरे खाने पीने और सोने जागने का ख्याल रखती है मां भी मेरी देर रात तक राह तकती थी तू भी मेरी देर रात तक राह तकती है मां ने मेरा परिचय मेरे पिता से करवाया था तूने मुझे पिता होने का गर्व कराया है औ...
याद मेरी उसने जब
मुक्तक

याद मेरी उसने जब

सुखप्रीत सिंह "सुखी" शाहजहांपुर (उत्तर प्रदेश) ******************** १) याद मेरी उसने जब भी दिल में पिरोई होगी दिन की तो बात ही नहीं रातों में न सोई होगी वो लिहाफ भी गवाह होगा उसकी बेबसी का जब दबा कर चेहरा अपना तकिये से रोई होगी २) जितना खूबसूरत तेरा इंतज़ार है उतना ही खूबसूरत मेरा प्यार है बहारें तो है हर तरफ फिज़ाओं में बहारों से भी खूबसूरत मेरा यार है ३) मेरे दिल में प्यार का पैगाम रहने दो उसके ख्यालों की हंसी शाम रहने दो दवा जिंदगी की मुझे और मत दो यारों मेरे हाथों में छलकता जा़म रहने दो ४) जिंदगी फिर क्यों अजीब सी लगती है किसी अजनबी के करीब सी लगती है अमीर तो बहुत हूं दिल-ऐ-दरबार से मैं फिर क्यों तेरे बिना गरीब सी लगती है परिचय :-  सुखप्रीत सिंह "सुखी" निवासी : शाहजहांपुर (उत्तर प्रदेश) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, ...
जब तुम आये थे
मुक्तक

जब तुम आये थे

सुखप्रीत सिंह "सुखी" शाहजहांपुर (उत्तर प्रदेश) ******************** तूफ़ान थमने लगे थे, जब तुम आये थे अरमान जगने लगे थे, जब तुम आये थे रुह भी जिस्म से निकलने को बेचैन थी हाथ सज़दे में उठने लगे थे, जब तुम आये थे परिचय :-  सुखप्रीत सिंह "सुखी" निवासी : शाहजहांपुर (उत्तर प्रदेश) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है। आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें …🙏🏻 आपको ...