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Tag: सीताराम सिंह रावत

डर यहां है
कविता

डर यहां है

सीताराम सिंह रावत अजमेर (राजस्थान) ******************** मुझे डर लगता है लिखने से, बोलने से, प्रदर्शनों में जाने से। क्यों लगता है? इसके जवाब कई हैं- ट्रॉलिंग, मार-पिटाई, देशद्रोही का समाजिक टैग, रिश्तेदारों के तानों का, विवाह न हो पाने का, दोस्तों से दूर हो जाने का। झूठे मुकदमे में पुलिस, सीबीआई, या ईडी द्वारा फंसाए जाने का, फिर उस मुकदमे को लड़ने के लिए कर्ज लेने का, या बिना धन के जेल में सड़ने का। अदालतों की तारीखों से, उनके निर्णय से, मीडिया की चीखों से, मृत्यु के खौफ से। मुझे डर लगता है हर उस व्यक्ति से, जो भले उस विचारधारा से दूर हो, लेकिन धार्मिक हो, और मेरे लिखने, बोलने से मेरी मॉब लिंचिंग कर देगा। इस डर के कारण यह लिखते हुए भी हाथ कांप रहे हैं, कि मुझे डर लगता है आज़ाद भारत में बोलने से, लिखने से- आजादी के पचहत्तर व...
अन्नदाता
कविता

अन्नदाता

सीताराम सिंह रावत अजमेर (राजस्थान) ******************** तपते सूरज में पसीने से नहाता किसान दुनिया का अन्नदाता भीख मांग कर क्यों बीज लाता? क्यों फांसी पर लटक जाता ? क्यों अन्नदाता को दो वक्त का अन्न नहीं मिलता क्यों इतनी जी तोड़ मेहनत के बाद चेहरा नहीं खिलता आखिर क्यों किसान का चेहरा एक सवाल होता उचित दाम के न मिलने पर रोता क्यों किसान के सपने को मार दिया जाता इसलिये कि वो एक अन्नदाता है। इसलिये कि वो आपको सवाल नहीं पूछता या किसान का कोई मूल्य नहीं होता। परिचय :- सीताराम सिंह रावत निवासी : अजमेर (राजस्थान) घोषणा पत्र : यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है। आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, रा...